
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान घोषित विकास योजनाओं को लेकर एक्शन मोड में नजर आए। एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास ‘संकल्प’ में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सभी स्वीकृत योजनाओं के कार्यों को निर्धारित समयसीमा में तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। बैठक में मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि प्रगति यात्रा के दौरान 22 विभागों से जुड़ी कुल 430 योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिन पर करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि प्रगति यात्रा में स्वीकृत 430 योजनाओं में से 428 को संबंधित विभागों की प्रशासनिक मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल दो योजनाएं जल संसाधन विभाग से जुड़ी हैं, जिन्हें तकनीकी रूप से अनुपयुक्त पाए जाने के कारण रोका गया है। प्रगति की स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि 21 योजनाओं का काम पूरा किया जा चुका है, जबकि शेष योजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है और उन्हें तय समयसीमा के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबित योजनाओं को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाएं प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरी की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी याद दिलाया कि दिसंबर 2024 और जनवरी-फरवरी 2025 में प्रगति यात्रा के दौरान उन्होंने स्वयं जिलों का दौरा कर विकास कार्यों का जायजा लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों से मिले फीडबैक और जमीनी स्तर पर सामने आई कमियों को दूर करने के उद्देश्य से ही इन 430 नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के संतुलित और सर्वांगीण विकास के लिए सरकार लगातार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है, ताकि हर क्षेत्र और हर वर्ग को विकास का लाभ मिल सके।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि लोगों के उत्थान से जुड़ी योजनाओं को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ लागू किया जाए, ताकि उसका सीधा लाभ आम जनता तक पहुंचे। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार का लक्ष्य बिहार को देश के पांच अग्रणी विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इस दिशा में सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है। समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

