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के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर बुधवार सुबह स्कूली बच्चों ने शहर में प्रभात फेरी निकाली और कलेक्ट्रेट में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बच्चों ने शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करते हुए परेड का भी आयोजन किया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती समारोह समिति के बैनर तले बुधवार को शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने समारोह में सक्रिय भागीदारी दिखाई। समिति के सदस्य और शिक्षाविद् एके लाल ने बताया कि बच्चों ने प्रभात फेरी निकालकर कलेक्ट परिसर स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। आगे कहा कि दिनभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें दोपहर में बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता शामिल है। इस प्रतियोगिता में डीआरएम समेत कई वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। शाम को प्रतिभागियों को शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। हालांकि, समारोह के दौरान बच्चों के बीच डॉ. राजेंद्र प्रसाद के व्यक्तित्व और उनके योगदान पर चर्चा की गई और उन्हें उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्यों की बड़ी संख्या भी मौजूद रही। वहीं, जयंती समारोह को लेकर सरकारी संस्थाओं के साथ ही गैर सरकारी संस्थान और स्कूलों में भी विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वीमेंस कॉलेज में भी इस मौके पर बच्चों और शिक्षकों की मौजूदगी में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया।
हालांकि, इस दौरान विद्यार्थियों ने प्रभात फेरी निकाली और उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। वहीं, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी उनके व्यक्तित्व और देश के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए संगोष्ठी और परिचर्चाओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद न केवल भारत के पहले राष्ट्रपति थे, बल्कि एक महान शिक्षक, संविधानविद् और देशभक्त भी थे। उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। विद्यार्थियों ने मंच पर अपने भाषण और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके जीवन मूल्यों और संघर्षों को दर्शाया। शाम को कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित अधिकारियों और शिक्षकों ने संयुक्त रूप से छात्रों को सम्मानित किया और उनका उत्साहवर्धन किया। इस तरह पूरे दिन भर डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर देशभक्ति और शिक्षा के संदेश से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए।