
बिहार विधानसभा के 18वें अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार का नाम तय हो गया है। गया टाउन सीट से लगातार नौवीं बार विधायक चुने गए डॉ. प्रेम कुमार ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है, जिसके बाद उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले डॉ. प्रेम कुमार, बिहार बीजेपी के सबसे पुराने और कद्दावर नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 1990 से लेकर अब तक लगातार इस सीट पर अपना कब्ज़ा बनाए रखा है।
लगातार नौ बार के विधायक का राजनीतिक कद
डॉ. प्रेम कुमार की राजनीतिक यात्रा 1990 में शुरू हुई थी, जब उन्होंने पहली बार गया टाउन विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। तब से लेकर आज तक वह लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनका यह नौवीं बार विधायक बनना ही बिहार की राजनीति में उनके मजबूत जनाधार और वरिष्ठता को दर्शाता है।
एनडीए गठबंधन की विभिन्न सरकारों में डॉ. प्रेम कुमार ने कई महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्होंने कृषि, पथ निर्माण, नगर विकास, सहकारिता और पर्यावरण जैसे प्रमुख मंत्रालयों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है। एक अनुभवी प्रशासक और सदन के सदस्य के रूप में उनकी छवि अध्यक्ष पद के लिए उन्हें स्वाभाविक दावेदार बनाती है।
संपत्ति का विवरण: 13.7 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति
चुनावी हलफनामों के अनुसार, डॉ. प्रेम कुमार एक समृद्ध विधायक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 13 करोड़ रुपये से अधिक (13.7 करोड़ रुपये) है। उनकी संपत्ति का यह आंकड़ा उनकी वित्तीय स्थिरता और विभिन्न स्रोतों से आय को दर्शाता है। हालांकि, राजनीति में उनका मुख्य योगदान उनकी लंबी और बेदाग सार्वजनिक सेवा रही है। 35 वर्षों से अधिक के राजनीतिक करियर में, उन्होंने हमेशा पार्टी के भीतर और बाहर एक सम्मानित स्थान बनाए रखा है।
गया टाउन पर अजेय पकड़
डॉ. प्रेम कुमार का गया टाउन से लगातार जीतना बीजेपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है, खासकर ऐसे राज्य में जहां राजनीतिक समीकरण अक्सर बदलते रहे हैं। उनकी जीत का सिलसिला न केवल उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक मजबूत पकड़ रखते हैं और विभिन्न सामाजिक वर्गों में स्वीकार्य हैं।
उनके विधानसभा अध्यक्ष बनने से बीजेपी को सदन में एक महत्वपूर्ण और संवैधानिक पद पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का मौका मिला है, जो 2025 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी (89 सीटें) बनकर उभरने के बाद उसके बढ़ते प्रभाव को और मजबूत करेगा।
अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन
डॉ. प्रेम कुमार ने अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल किया था। इस पद के लिए उनके सामने किसी अन्य उम्मीदवार के न होने के कारण, उनका निर्विरोध अध्यक्ष बनना लगभग निश्चित हो गया है। उनके निर्वाचन की घोषणा जल्द ही सदन में कर दी जाएगी। यह उनके राजनीतिक अनुभव और एनडीए गठबंधन के भीतर उनकी सर्वस्वीकार्यता को दर्शाता है।