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RJD प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा आरोप: “चुनाव निष्पक्ष नहीं था, भाजपा ने पैसे का खेल किया; आयोग की मौन स्वीकृति थी”

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RJD प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा आरोप: "चुनाव निष्पक्ष नहीं था, भाजपा ने पैसे का खेल किया; आयोग की मौन स्वीकृति थी"

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष मांगनी लाल मंडल ने सिटी पोस्ट लाइव मीडिया चैनल के साथ बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मदद करने और चुनाव को ‘निष्पक्ष’ न होने देने का आरोप लगाया है।

‘निष्पक्ष नहीं था चुनाव, हुआ पैसे का खेल’
जब उनसे पूछा गया कि इतना जोर लगाने के बावजूद परिणाम अनुकूल क्यों नहीं आए, तो मंडल ने कहा, “नतीजा अनुकूल या प्रतिकूल का सवाल तब उठता है जब चुनाव निष्पक्ष हो और स्वतंत्र हो।” उन्होंने दावा किया कि चुनाव में “पैसे का खेल हुआ” और इसके लिए “चुनाव आयोग की मौन स्वीकृति” थी।

मंडल ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले किए गए जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और निचले स्तर के दरोगा तक के अधिकारियों का तबादला इसी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने कहा, “वो सब जमात इस एक्शन में भाजपा के साथ थे।”

पूर्व मंत्री शीला मंडल पर खुलेआम पैसा बांटने का आरोप
मंडल ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि फुलपरास विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री शीला मंडल खुलेआम पैसे बाँट रही थीं और पुलिस प्रशासन उनके साथ था।

उन्होंने कहा: “मैंने रिटर्निंग अफसर (RO) फुलपरास को शिकायत की। मैंने कहा कि आप RO हैं, सिविल और पुलिस दोनों पावर आपके पास है, आप एक्शन लीजिये। फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया। मैंने ऑब्जर्वर को फोन किया, फिर भी कुछ नहीं हुआ। ऑब्जर्वर को मैंने कहा कि शीला मंडल पैसा बाँट रही हैं। एस्कॉर्ट गाड़ी है, तीन एक्स्ट्रा कार हैं, उसमें पैसा रखा है, वो पैसों से भरा लिफाफा बाँट रही हैं।”

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जब उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कॉल किया, तो एक पुलिस की गाड़ी आई और शीला मंडल को बस ‘पार करवा दिया’ (सुरक्षित निकाल दिया)। इस आधार पर मंडल ने आरोप लगाया कि ऑब्जर्वर इसीलिए थे कि वे भाजपा की मदद कर सकें और चुनाव निष्पक्ष नहीं था।

‘आपत्तिजनक गाने’ BJP की चाल
राजद पर यह सवाल भी उठा कि पार्टी के नाम पर जो गाने बज रहे थे- जैसे “मारब सिक्सर के चौ गोली छाती में रे” या “राजद के माल है” उससे पार्टी की छवि धूमिल हुई। इस पर मंडल ने पलटवार करते हुए कहा, “ये बीजेपी का चाल था। बीजेपी बहुत प्रपंची पार्टी है।” उन्होंने दावा किया कि उन्हें ऐसे गानों की जानकारी नहीं थी और इस पर कार्रवाई करना पुलिस-प्रशासन का काम था। उन्होंने स्वीकार किया कि इन गानों ने नुकसान किया, लेकिन आरोप लगाया कि बीजेपी ने ही “सिक्सर से मरेगा, लाठी से मरेगा” जैसे नैरेटिव फैलाए।

पार्टी में ‘दो-तीन लोग’ चलाते हैं?
पार्टी के भीतर यह नैरेटिव चलने पर कि राजद को केवल संजय यादव, सुनील कुमार सिंह और रमीज़ जैसे एक या दो लोग चला रहे हैं, मंडल ने इसे खारिज करते हुए कहा कि लालूजी या कर्पूरी जी के समय में भी या बीजेपी में भी एक, दो या तीन लोग ही पार्टी चलाते हैं। हालांकि, उन्होंने परिवार के आंतरिक विवादों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने संजय यादव का बचाव करते हुए कहा कि वह इंजीनियर हैं और कागज बनाने, डाटा रखने और सहयोग करने में मदद करते हैं, और सबको सहयोगी चाहिए। तेजस्वी यादव से नहीं मिलने के आरोप को भी उन्होंने गलत बताया।

हार की समीक्षा और भविष्य की योजना
तेजस्वी यादव को जनता के सामने आकर हार स्वीकार करने के सवाल पर मंडल ने कहा कि समीक्षा हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रमंडल-वार प्रत्याशियों (पराजित और विजयी दोनों) के साथ समीक्षा का दौर आज (शनिवार) खत्म हो जाएगा। इसके बाद 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक सभी जिला अध्यक्षों, पूर्व सांसदों/विधायकों और प्रधान महासचिवों के साथ बैठक होगी।

मंडल ने बताया कि 10 दिसंबर के बाद सभी बयानों का सारांश संकलित कर एक प्रतिवेदन बनाया जाएगा और फिर तेजस्वी यादव शीर्ष नेताओं के साथ बैठकर जनता के सामने अपनी बातें रखेंगे।

आवास विवाद पर नीतीश-BJP पर साधा निशाना
राबड़ी देवी को आवास खाली करने के आदेश पर उन्होंने आरोप लगाया कि यह काम बीजेपी और जेडीयू दोनों करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार डरे हुए हैं कि ये हमारी पार्टी को तोड़ न दें, इसलिए वो अमित शाह और नरेंद्र मोदी को विश्वास में लेने के लिए लालू-राबड़ी को अपमानित कर रहे हैं कि हम आपके आदमी हैं।”

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