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बिहार चुनाव में बढ़ा सियासी तापमान, ललन सिंह के बयान पर थाने में मुकदमा दर्ज

बिहार,ललन सिंह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान देने के आरोप में अब उनके खिलाफ औपचारिक रूप से एफआईआर दर्ज कराई गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पटना जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में आदर्श आचार संहिता और निर्वाचन नियमों का उल्लंघन किया था।

मोकामा विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में प्रचार करने पहुंचे ललन सिंह का बयान अब विवादों में घिर गया है। प्रचार सभा के दौरान दिए गए उनके संबोधन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला गंभीर हो गया। वीडियो में ललन सिंह कथित तौर पर मतदाताओं से यह कहते नजर आ रहे हैं कि जो लोग दूसरे प्रत्याशी को वोट देंगे, उन्हें चुनाव के दिन घर से निकलने मत देना। अगर बहुत हाथ-पैर जोड़ें, तो अपने साथ लेकर जाओ, वोट दिलाओ और फिर घर भेज दो। आयोग के निर्देश पर पटना जिला प्रशासन ने ललन सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में उन पर मतदाताओं को डराने-धमकाने, अनुचित प्रभाव डालने और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप लगाए गए हैं। अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा था कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी एक साजिश का हिस्सा है और मोकामा की जिम्मेदारी अब उन्होंने खुद अपने हाथों में ले ली है। उन्होंने कहा था, जब अनंत बाबू बाहर थे, तब मेरी जिम्मेदारी कम थी, लेकिन अब जब वह जेल में हैं, तो मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पुलिस जांच से जल्द सच्चाई सामने आ जाएगी और साजिश करने वालों का नाम भी उजागर होगा। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जबकि जेडीयू की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

RJD ने X पर आधिकारिक हैंडल @RJDforIndia से पोस्ट कर ललन सिंह के बयान को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। पोस्ट में लिखा कि “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ाते हुए कह रहे कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है! घर में बंद कर देना है, अगर ज्यादा हाथ पैर जोड़ेगा तो अपने साथ ले जा कर वोट गिराने देना है। कहां है मरा हुआ आयोग?” यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई और विपक्षी दलों ने इसे रीट्वीट कर NDA पर निशाना साधा। RJD नेताओं ने इसे “गरीब-वंचित वोटरों को दबाने की साजिश” करार दिया, जो बिहार की यादव-मुस्लिम गठजोड़ को निशाना बना रही है

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