
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद जहां एनडीए और महागठबंधन (इंडिया) सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं, वहीं जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते ही राजनीतिक और कानूनी दोनों तरह की हलचल पैदा कर दी है। किशोर के खिलाफ शनिवार को वैशाली जिले के राघोपुर में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
राघोपुर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का राजनीतिक गढ़ है। प्रशांत किशोर द्वारा इसी क्षेत्र से अपने अभियान की शुरुआत करना, सीधे तौर पर तेजस्वी यादव को चुनौती देने के तौर पर देखा जा रहा है।
बिना अनुमति रैली और आचार संहिता का उल्लंघन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राघोपुर के अंचलाधिकारी (Circle Officer) ने स्थानीय थाने में प्रशांत किशोर और उनके काफिले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि प्रशांत किशोर ने शनिवार को क्षेत्र में बिना किसी पूर्व अनुमति के प्रचार रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। यह आचार संहिता का सीधा उल्लंघन माना गया है, जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हालांकि, जन सुराज पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि अन्य दलों को प्रशांत किशोर की बढ़ती लोकप्रियता से डर लग रहा है, इसीलिए उन पर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी यादव पर सीधा हमला: ‘राहुल गांधी जैसा हश्र होगा’
कानूनी मुश्किलों के साथ ही, प्रशांत किशोर ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत एक तीखे राजनीतिक हमले से की। राघोपुर में अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधा। किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव का दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी करना उनके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है।
किशोर ने कहा, “शायद उनका हश्र उनके सहयोगी राहुल गांधी जैसा होगा, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से तो जीत गए लेकिन अपनी पारंपरिक अमेठी सीट हार गए।” किशोर ने बिहार की राजनीति में जाति और धर्म की जगह विकास और जनता के मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात पर जोर दिया।
राघोपुर में बढ़ा सियासी तापमान
प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद राघोपुर का राजनीतिक माहौल बेहद गर्म हो गया है। आरजेडी कार्यकर्ताओं ने इस टिप्पणी को तेजस्वी यादव का अपमान बताया और जन सुराज कार्यकर्ताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की।
राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर के इस कदम को 2025 के चुनाव के लिए एक बड़ी रणनीतिक चाल मान रहे हैं। पिछले दो सालों से जन संवाद यात्रा के माध्यम से जनता से जुड़ रहे किशोर, अब चुनावी मैदान में उतरने के संकेत दे रहे हैं। तेजस्वी यादव के गढ़ में जाकर उन्हें सीधी चुनौती देना यह स्पष्ट करता है कि वह इस बार जन सुराज पार्टी को बिहार में एक गंभीर विकल्प के रूप में स्थापित करने की कोशिश में हैं। कानूनी विवादों के बीच उनकी सक्रियता बिहार के चुनावी समीकरणों में नई हलचल पैदा कर सकती है।