
बिहार में शराबबंदी कानून को धता बताते हुए एक हाई-प्रोफाइल शराब पार्टी का आयोजन करने वाले सात रईसजादों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक (SP) स्वर्ण प्रभात की शराब और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत रविवार रात मोतिहारी के छतौनी थाना क्षेत्र स्थित सिमरन होटल में की गई। इस बड़ी कार्रवाई से जिले के राजनीतिक और कारोबारी गलियारों में हड़कंप मच गया है।
छापेमारी और गिरफ्तारियां
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने सिमरन होटल में चल रही इस देर रात की पार्टी पर धावा बोला। छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से शराब की कई बोतलें बरामद कीं।
गिरफ्तार किए गए सात युवकों में राजद नेता विचारी राय के बेटे और शहर के चर्चित होटल जायसवाल के मालिक के बेटे जैसे प्रभावशाली परिवारों के सदस्य शामिल हैं। इनके अलावा, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में जेल से छूटे अपराधी राहुल वर्मा को भी मौके से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये सभी युवक देर रात तक तेज साउंड सिस्टम के साथ पार्टी मना रहे थे। पुलिस की दबिश पड़ते ही कुछ युवकों ने होटल की ऊपरी मंजिल की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने उन्हें चारों ओर से घेरकर पकड़ लिया।
होटल सील, मालिक की तलाश जारी
एसपी स्वर्ण प्रभात ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बताया कि शराब पार्टी वाले होटल को तुरंत सील कर दिया गया है। उन्होंने पुष्टि की कि मौके से होटल मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि होटल मालिक की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा, “जिले में शराब और नशे के कारोबार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूरे जिले में 24 CAPF कंपनियां तैनात की गई हैं और अर्धसैनिक बलों के सहयोग से यह छापेमारी अभियान लगातार चलाया जा रहा है।”
कार्रवाई का प्रभाव और चेतावनी
स्थानीय लोगों ने बताया कि मोतिहारी में रसूखदार तबके के बीच इस तरह की शराब पार्टियां आम बात बन गई थीं। हालांकि, एसपी की सख़्ती और इस बड़ी कार्रवाई के बाद कई होटलों ने डर के मारे खुद ही अपने आगामी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि होटल मालिक और आयोजकों की इस अवैध पार्टी में क्या भूमिका थी। यह कार्रवाई न केवल कानून के सख़्त पालन का संकेत है, बल्कि जिले के प्रभावशाली तबके के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि शराबबंदी कानून के उल्लंघन पर अब कोई भी राहत या रियायत नहीं मिलने वाली है। यह सुनिश्चित करता है कि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था कायम रहे और किसी भी तरह के अवैध कृत्य को बर्दाश्त न किया जाए।