
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सुरक्षा बलों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती में से एक को मंजूरी दे दी है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के निर्देश पर, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) की 500 कंपनियों (लगभग 50,000 जवान) की पहली खेप को ‘शुरुआत में’ बिहार भेजा जा रहा है। अधिकारियों ने इसे किसी भी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी शुरुआती तैनाती बताया है।
आधिकारिक संचार के अनुसार, इन भारी संख्या में बलों की तैनाती 5 अक्टूबर 2025 तक पूरी कर ली जाएगी। ये जवान विभिन्न अर्धसैनिक संगठनों से लिए जाएंगे, जिनमें CRPF की 118 कंपनियां, BSF की 99, CISF की 92, ITBP की 75, SSB की 96 और RPF की 20 कंपनियां शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर से भी बुलाई गईं 70 से अधिक कंपनियाँ
इस तैनाती का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की 70 से अधिक कंपनियों को जम्मू-कश्मीर से वापस बुलाकर बिहार चुनाव ड्यूटी के लिए भेजा जा रहा है। यह अभूतपूर्व कदम चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था मजबूत करने, फ्लैग मार्च करने, जनता का विश्वास बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों में क्षेत्र प्रभुत्व (Area Domination) सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षाकर्मियों के विशाल दल को बिहार पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें और डिब्बे प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाएं।
सुरक्षा के साथ दंगा नियंत्रण उपकरण की भारी खेप
जवानों की तैनाती के साथ-साथ, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए दंगा-रोधी उपकरणों और गैर-घातक हथियारों की एक बड़ी खेप भी तैनात की जाएगी। यह कदम भीड़ नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक तैयारी का हिस्सा है, ताकि घातक बल के अत्यधिक उपयोग से बचा जा सके।
प्रत्येक कंपनी को 70 हेलमेट (वाइजर के साथ और बिना), 70 बॉडी प्रोटेक्टर, 70 पॉलीकार्बोनेट या बेंत की ढालें, 70 शीन गार्ड और 70 लाठियों से लैस किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रति कंपनी 6 गैस गन या दंगा-रोधी बंदूकें प्रदान की जाएंगी। अनुमोदित मानदंडों के अनुसार, गोले, ग्रेनेड, कारतूस के साथ PAGs, रबर बुलेट, प्लास्टिक पेलेट और स्मोक कैंडल जैसे सहायक गोला-बारूद भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य सरकार को लॉजिस्टिक्स की तैयारी के निर्देश
निर्वाचन आयोग ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया था। अब आयोग ने बिहार राज्य सरकार से आने वाले CAPF कर्मियों के लिए उचित परिवहन, आवास और लॉजिस्टिक्स व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। आयोग के अनुसार, ये उपाय बलों को संवेदनशील और कमजोर क्षेत्रों सहित सभी जिलों में प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 500 कंपनियों की यह तैनाती केवल प्रारंभिक चरण है। एक बार मतदान कार्यक्रम की घोषणा होने और सुरक्षा आकलन अपडेट होने के बाद, जरूरत के हिसाब से और अधिक सुरक्षा बल (Reinforcements) भी बिहार भेजे जा सकते हैं। इस अभूतपूर्व लामबंदी से आगामी बिहार चुनाव के महत्व का पता चलता है, जिसमें अधिकारी पूरे राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।