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पीएम मोदी के पूर्णिया दौरे से पहले तेजस्वी यादव का बड़ा अटैक, अचानक पहुंच गए GMCH…फिर जानें क्या हुआ

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पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को बिहार दौरे पर आने वाले हैं। पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने  बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी अचानक पूर्णिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी।

तेजस्वी ने सुबह सुबह वीडियो जारी कर सरकार से सवाल किया है। तेजस्वी ने वीडियो में दिखाया है कि कैसे मरीज इधर उधर लेटे हुए हैं, कई लोगों को बेड नहीं मिला है तो कई बच्चे फर्श पर सोए हुए हैं। तेजस्वी ने पीएम मोदी से कहा कि आप पूर्णिया आ रहे हैं तो यहां जरुरी आइएगा और सीएम नीतीश को भी लेकर आइएगा नहीं तो वो कहेंगे इसके पहले कुछ था क्या?

तेजस्वी यादव ने ट्विट कर लिखा कि, कल देर रात्रि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH), पूर्णिया का औचक निरीक्षण किया। वीडियो में 20 सालों की एनडीए सरकार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की एक छोटी सी बानगी देखिए।  यह बदहाली किसी जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं बल्कि तथाकथित मेडिकल कॉलेज की है। इसका आँखों देखा हाल जानिए और इस जुमलेबाज निकम्मी सरकार के अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री को लानत भेजिए।

तेजस्वी ने आगे लिखा कि,  यह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है लेकिन यहाँ ICU नहीं है। ट्रॉमा सेंटर चालू नहीं है। कार्डियोलॉजी यानि हृदय रोग विभाग है ही नहीं। एक बेड पर तीन-तीन मरीज लेटा रखे है। 15-20 दिन में भी मरीजों की बेडशीट नहीं बदली जाती। हड्डी रोग से संबंधित और विकलांग शल्य चिकित्सा से संबंधित मरीजों के लिए शौचालय दो फीट ऊंचा है। साफ़-सफाई  बिल्कुल भी नहीं है। GMCH, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल है लेकिन यहाँ नर्स के स्वीकृत 255 पदों में से केवल 55 नर्स ही कार्यरत है वो भी तीन शिफ्ट में।

यानि एक बार में केवल 18 नर्स ही ड्यूटी पर रहती हैं। छुट्टी पर रहेंगी तो उससे भी कम। GMCH में 80% चिकित्सकों के पद रिक्त है। GMCH में एक भी स्थायी ड्रेसर नहीं है। पूरे कॉलेज और हॉस्पिटल में केवल 4 OT सहायक है। 23 विभाग में से अनेक विभाग बंद हैं। प्रोफेसर और सहायक प्रीफ़ेसर नाम मात्र है। Medical interns को 6 महीनों से सैलरी नहीं मिली है। सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य  उपकरण, स्वास्थ्य सेवा और सुविधा के अभाव में पूर्णिया के निजी अस्पतालों में प्रतिदिन 10,000 मरीज जाते है।

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