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क्या है नीतीश का गेम प्लान, NDA छोड़ने की तैयारी

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क्या है नीतीश का गेम प्लान, NDA छोड़ने की तैयारी ?

क्या नीतीश कुमार सीट शेयरिंग में हो रही देर से नाराज हैं.क्या वो एकबार फिर से बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NDA में सीटों पर बंटवारे से पहले ही दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. वो भी NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने ऐसा करके सबको चौंका दिया है. अब सवाल ये है कि NDA के भीतर सब ठीक है या फिर से नीतीश ने कोई खेला तो नहीं कर दिया.

नीतीश कुमार ने बीते एक हफ्ते में JDU ने 2 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं…बक्सर जिले के राजपुर में NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में लाखों लोग जुटे थे. मंच पर CM नीतीश कुमार के साथ बीजेपी नेता, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी थे. नीतीश ने पूर्व मंत्री संतोष निराला को मंच पर अपने पास बुलाया और कहा- ‘कुछ ही दिन में चुनाव होने वाला है. आप लोग ध्यान दीजिएगा, इन्हें जिताइएगा.’ नीतीश के इस बयान का मतलब है कि राजपुर सीट पर निराला ही चुनाव लड़ेंगे.मोतिहारी के केसरिया में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, ‘केसरिया से मौजूदा JDU विधायक शालिनी मिश्रा ही NDA की प्रत्याशी होंगी.’ उन्होंने जब यह एलान किया तब साथ में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन भी थे.

अभी तक NDA में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पाई है. चिराग पासवान और जीतनराम मांझी समय-समय पर बयान देकर इसे और हवा दे देते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का एकतरफा प्रत्याशी घोषित करने के पीछे 3 बड़े मकसद बताए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार की सेहत को लेकर तरह-तरह की खबरें चल रही हैं. इससे उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं के मन में संदेह था. विपक्ष भी लगातार कह रहा है कि नीतीश थक चुके हैं. ऐसे में बीजेपी सीट शेयरिंग में दबाव बना सकती है.इसलिए नीतीश कुमार ने सीट शेयरिंग के बिना ही प्रत्याशी घोषित करके संदेश दे दिया कि बिहार में वे ही NDA के नेता हैं। और अभी वे थके नहीं हैं.

सीटों के बंटवारे पर NDA की एक भी औपचारिक बैठक नहीं हुई है. हालांकि, कार्यकर्ताओं का सम्मेलन लगातार चल रहे हैं. चिराग पासवान 40 सीटों पर दावा कर रहे हैं और जीतन राम मांझी भी 20 से कम सीटों पर मानने को तैयार नहीं. नीतीश को लगता है कि चिराग और मांझी को ज्यादा सीट मिलीं, तो JDU के हिस्से कम सीटें आएंगी. वो एक तरह से बीजेपी को अल्टीमेटम दे रहे हैं कि सीट शेयरिंग पर जल्द फैसला होना चाहिए.’ नीतीश चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह तय हो जाए कि चिराग पासवान NDA में रहकर बिहार चुनाव लड़ेंगे या अकेले. ताकि उन्हें 2020 की तरफ वोटों में भारी नुकसान न उठाना पड़े.दरअसल, पिछले दिनों चिराग कई बार अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं. 2020 में चिराग ने अपनी पार्टी एलजेपी से हर उस सीट पर प्रत्याशी उतारे, जहां JDU लड़ी थी. ऐसी कुल 115 सीटें थीं.इनमें से 29 सीटें पर एलजेपी के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर थे. इन्हें जीत के मार्जिन से ज्यादा वोट मिले. इन सभी 29 सीटों पर जेडीयू के कैंडिडेट हार गए थे. इसके अलावा 7 सीटें ऐसी थीं, जहां चिराग की पार्टी दूसरे नंबर पर थी और JDU तीसरे नंबर पर. ये सीटें विपक्षी महागठबंधन जीत गई थी.

फिलहाल दोनों सीटों पर NDA की ओर से JDU ही चुनाव लड़ती है.केसरिया विधानसभा सीट से 3 बार JDU और 1 बार BJP लड़ी है.इस सीट पर बीजेपी और JDU दोनों ही लड़ती रही हैं.यह किसी की परंपरागत सीट नहीं है.फरवरी 2005 में यहां JDU लड़ी और जीती. अक्टूबर 2005 में JDU फिर लड़ी, लेकिन हार गई. इसके बाद 2020 में लड़ी और जीत गई.2010 में JDU ने इस सीट को बीजेपी को दे दिया. बीजेपी जीत भी गई.2015 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए, तो यह सीट RJD के खाते में चली गई. RJD चुनाव जीत गई.शालिनी मिश्रा JDU के पूर्व सांसद और कवि कमला मिश्र मधुकर की बेटी हैं. उनके पिता से नीतीश कुमार के गहरे संबंध रहे हैं.

पिछले 3 चुनाव यानी 2020 के विधानसभा, 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो सिर्फ एक बार JDU, बीजेपी से कम सीटों पर लड़ी है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 सीटों और JDU 16 सीटों पर लड़ी थी.2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी-JDU दोनों 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी. वहीं, 2020 विधानसभा चुनाव में JDU 115 और बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. बिहार में JDU अपने को बड़ा भाई के तौर पर पेश करती रही है.

सवाल- जब भी ऐसा नीतीश कुमार करते हैं कोई बड़ा फैसला ले लेते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश INDIA गठबंधन में थे. सीटों का पेच सुलझ नहीं रहा था. बात आगे बढ़ती नहीं देख नीतीश ने दिसंबर 2023 को दिल्ली में JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर को प्रत्याशी घोषित कर दिया.इसे INDIA गठबंधन में फूट तौर पर देखा गया और हुआ भी वहीं. ठीक एक महीने बाद 28 जनवरी 2024 को नीतीश INDIA गठबंधन को छोड़ NDA में शामिल हो गए.क्या इसबार भी ऐसा कर सकते हैं?

सीट बंटवारे का फैसला जल्दी हो सकता है.’ इससे बीजेपी पर प्रेशर बढ़ गया है. अब जल्द ही सीट बंटवारा हो सकता है.13 सितंबर को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और 18 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह बिहार आने वाले हैं. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और NDA नेताओं की मीटिंग होनी है. माना जा रहा है कि इसके बाद सीटों पर बंटवारा हो जाएगा. ‘नीतीश कुमार हमेशा एक खिड़की खोलकर राजनीति करते हैं. अगर NDA में सीट का गणित नहीं सुलझा तो कुछ भी हो सकता है. इससे पहले भी वह 3 बार पाला बदल चुके हैं.’

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