
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जहां एक ओर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गहमागहमी बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह कुटुंबा विधानसभा सीट से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे। गौरतलब है कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक महागठबंधन के भीतर कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है, लेकिन राजेश राम ने पहले ही अपने इरादे जाहिर करते हुए यह बता दिया कि वह अपने पारंपरिक क्षेत्र कुटुंबा से ही किस्मत आजमाएंगे।
उन्होंने कहा कि कुटुंबा उनकी राजनीतिक कर्मभूमि रही है और जनता का अपार स्नेह उन्हें लगातार मिलता रहा है। उनका यह भी कहना है कि उनके पिता दिवंगत दिलकेश्वर राम ने इस क्षेत्र का लंबे समय तक प्रतिनिधित्व किया है, जिससे उनका जुड़ाव और मजबूत हुआ है।
राजेश राम ने 2015 और 2020 दोनों चुनावों में कुटुंबा सीट से जीत दर्ज की थी। 2015 में उन्होंने संतोष कुमार सुमन को और 2020 में भी अपने प्रतिद्वंद्वी को लगभग 10,000 वोटों के अंतर से हराया था। कुटुंबा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है और 2008–09 के परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। इससे पहले यह देव विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा थी।
कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में कुल 34 पंचायतें शामिल हैं, जो तीन प्रखंडों—कुटुंबा, नवीनगर और देव—से आती हैं। यह क्षेत्र कृषि प्रधान है, लेकिन सिंचाई की व्यवस्था अब भी अधूरी योजनाओं के कारण बाधित है। उत्तर कोयल नहर और बटाने सिंचाई परियोजना इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं।
राजेश राम का यह जल्दबाजी में किया गया ऐलान अब एनडीए खेमे में भी हलचल पैदा कर रहा है। माना जा रहा है कि इस सीट पर मुकाबला इस बार और भी दिलचस्प होने वाला है।
