
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान दरभंगा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि रैली और रोड शो के बीच, राहुल गांधी की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने एक स्थानीय युवक की पल्सर बाइक चुरा ली और उसे वापस नहीं लौटाया। यह घटना उस वक्त हुई जब राहुल गांधी ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ का नारा लगा रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 27 अगस्त को दरभंगा में हुई। स्थानीय निवासी शुभम सौरभ ने दावा किया है कि उनके ढाबे पर राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी चाय पीने आए थे। उन्होंने शुभम से उसकी पल्सर 220 बाइक मांगी। शुभम के मना करने पर भी उन्होंने दबाव बनाया, जिसके बाद शुभम ने बाइक दे दी। शुभम के अनुसार, छह और बाइक भी ली गई थीं, लेकिन वे सभी बाद में सड़क किनारे छोड़ दी गईं। हालांकि, शुभम की बाइक को वापस नहीं किया गया और सुरक्षाकर्मी उसे लेकर आगे बढ़ गए।
पीड़ित परिवार की तलाश जारी
बाइक वापस पाने के लिए शुभम और उसके परिवार ने कई जिलों का चक्कर लगाया। वे सीतामढ़ी, ढाका, मोतिहारी और अन्य जगहों पर गए, लेकिन हर जगह उन्हें यही जवाब मिला कि बाइक वहां नहीं है। शुभम का कहना है कि इस तलाश में उनके करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन बाइक का कोई सुराग नहीं मिला है। शुभम ने यह भी दावा किया है कि उनके पास सुरक्षाकर्मियों के साथ बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग भी है, जो इस मामले को और गंभीर बना रही है।
राजनीतिक और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। जिस यात्रा का मकसद ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ का नारा देकर राजनीतिक शुचिता स्थापित करना था, उसी यात्रा के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर चोरी का आरोप लगना एक बड़ा विरोधाभास पैदा करता है। इस घटना ने कांग्रेस और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के आचरण पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
शुभम ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से भी शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि राजनीतिक रैलियों और उनके साथ आने वाले अमले के व्यवहार पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।