
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली में आई आपदा ने बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के लोगों को गहरा सदमा दिया है। इस आपदा में पश्चिमी चंपारण के कुल 14 मजदूर लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है।
लापता हुए लोगों में से अधिकांश सिकटा और चनपटिया प्रखंड के हैं। जानकारी के अनुसार, सिकटा प्रखंड के मंगलहिया गांव के सात, चनपटिया के तीन और बैरिया के एक व्यक्ति का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सिकटा के मंगलहिया गांव के पांच लापता मजदूरों के परिजनों ने उनके पुतले बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया है। ये पांच लोग हैं: परशुराम ठाकुर के पुत्र राकेश कुमार (22), रिपोर्ट दास के पुत्र गुड्डू कुमार (18), स्व. रामेश्वर यादव के पुत्र बृजेश यादव (30), हरिलाल मुखिया के पुत्र संदीप कुमार (18), और इंद्रजीत साह के पुत्र संदीप कुमार (18)। इनके अलावा, मंगलहिया के छोटेलाल मुखिया के पुत्र रामाकांत कुमार (18) और हरिओम कुमार भी लापता हैं।
ये सभी लोग उत्तराखंड में मजदूरी करते थे और बादल फटने के बाद से लापता बताए जा रहे हैं। इस दुखद घटना के बाद, पश्चिमी चंपारण जिला प्रशासन ने उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क स्थापित किया है। दोनों राज्यों के प्रशासन लापता मजदूरों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बिहार का आपदा प्रबंधन विभाग भी इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और लगातार उत्तराखंड सरकार के संपर्क में है। परिजनों ने अपने प्रियजनों की वापसी की उम्मीद छोड़ दी है और इसी कारण उन्होंने पुतलों का अंतिम संस्कार किया है, जो इस त्रासदी की गंभीरता को दर्शाता है।
