
15 अगस्त के बाद बिहार में सियासी गर्मी बढ़ानेवाली है. कांग्रेस पार्टी एक तरफ सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के नाम भी तय करने में जुटी है दूसरी तरफ अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए राहुल गांधी बिहार में 17 अगस्त से ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुवात कर अपने चुनावी अभियान की शुरुवात कर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार चुनाव से पहले राज्य में 15 दिन की यात्रा पर निकलने जा रहे हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश राम के अनुसार यह यात्रा ‘वोट अधिकार यात्रा’ के नाम से 17 अगस्त को रोहतास से शुरू होगी. इसका समापन राजधानी पटना में एक विशाल रैली के साथ होगा.यात्रा के दौरान राहुल गांधी का कारवां राज्य के 18 जिलों से गुजरेगा, जिनमें मुख्य रूप से मगध, पटना और कोसी प्रमंडल के जिले शामिल हैं. यात्रा का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरना और चुनावी माहौल को कांग्रेस के पक्ष में मोड़ना है.
इस यात्रा में INDIA गठबंधन के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.इस यात्रा में तेजस्वी यादव भी शामिल हो सकते हैं.राहुल गांधी लगातार OBC, EBC और दलित वर्गों को राजनीति में हिस्सेदारी देने की वकालत करते आ रहे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बार टिकट वितरण में राहुल गांधी की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति को प्राथमिकता दी जाएगी. कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि EBC और दलित समुदायों को अधिक टिकट देकर सामाजिक न्याय की राजनीति को मजबूत किया जाए. इसी दिशा में पार्टी ने इस बार उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन मंगवाए हैं, जिसमें कई मानदंड तय किए गए हैं.
2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली कांग्रेस केवल 19 सीटों पर जीत पाई थी. वर्तमान में कांग्रेस के दो विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम पाला बदल चुके हैं. ऐसे में पार्टी के पास अब केवल 17 विधायक बचे हैं. माना जा रहा है कि इन सभी विधायकों को दोबारा टिकट दिया जा सकता है, लेकिन उनके नामों की औपचारिक घोषणा सीटों के अंतिम बंटवारे के बाद ही की जाएगी.कांग्रेस को इस बार महागठबंधन में 55 से 60 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय जल्द ही होने की संभावना है. कुल मिलाकर कांग्रेस इस बार संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक समीकरण और राहुल गांधी के जनसंपर्क के सहारे बिहार में नई जमीन तलाशने की कोशिश में है. आगामी ‘वोट अधिकार यात्रा’ इस दिशा में पहला बड़ा कदम मानी जा रही है, जिससे पार्टी को चुनावी धार देने की उम्मीद है.