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नीतीश कुमार के 10 बड़े ऐलान ध्वस्त कर सकते हैं विपक्ष के सारे समीकरण

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नीतीश कुमार के 10 बड़े ऐलान ध्वस्त कर सकते हैं विपक्ष के सारे समीकरण.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले 10 बड़े ऐलान कर सवा 5 करोड़ वोटर्स को सीधा फायदा पहुंचाने की कोशिश की है.लोक लुभावन घोषणाओं के साथ साथ उन्होंने सैलरी, पेंशन और डोमिसाइल नीति लागू कर विपक्ष की चुनौती बढ़ा दी है.नीतीश कुमार ने महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों सबको एकसाथ साधने का प्रयास किया है.चुनाव में इसका क्या इम्पैक्ट होगा, इस मुद्दे पर बातचीत के लिए मेरे साथ मौजूद हैं सिटी पोस्ट लाइव के संपादक

पिछले 60 दिनों में नीतीश कुमार ने 10 बड़े ऐलान किये हैं.उन्बहोंने हर उस जायज मांग को पूरा करने की कोशिश की है जिसे विपक्ड़ेष उठा रहा था.उन्होंने इस बात की बिलकुल परवाह नहीं किया कि ये विपक्याष की मांग है. सरकार ने जुलाई से राज्य के घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं की 125 यूनिट बिजली फ्री करने का ऐलान किया.राज्य में 2 करोड़ 12 लाख बिजली उपभोक्ता हैं. इसमें से 1 करोड़ 82 लाख घरेलू कनेक्शन हैं. सरकार की इस योजना से घरेलू कनेक्शन वालों को सीधा लाभ होगा. चुनाव से पहले सरकार ने यह दांव चल महंगाई की मार झेल रही गरीब और मिडिल क्लास फैमिली को सीधा लाभ देने की कोशिश की है.

शुरुआत में डोमिसाइल लागू करने से इनकार करने वाले नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए आरक्षित 35 फीसदी पदों पर डोमिसाइल लागू कर दिया है. अब चुनाव से पहले सरकार ने पढ़ी-लिखी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए डोमिसाइल नीति लागू अपने कोर वोटरों को और मजबूत किया है.सरकार ने इसे सभी तरह की नौकरियों में भी लागू किया है.बिहार में करीब साढ़े 3 करोड़ महिला वोटर हैं. इन्हें नीतीश कुमार का कोर वोटर माना जाता है. इसमें से 30 फीसदी यानी करीब एक करोड़ वोटरों की उम्र 35 साल से कम हैं.इतना ही नहीं उन्होंने इस साल बजट में महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक टॉयलेट, पिंक बस, जिम ऑन व्हील्स, महिला हाट, गरीब कन्याओं के विवाह के लिए कन्या मंडप, गर्ल्स हॉस्टल, महिलाओं को ई-रिक्शा की खरीदारी पर सब्सिडी देने का ऐलान किया. इससे कम पढ़ी-लिखी महिलाओं को सीधा फायदा हो रहा है.

बिहार सरकार ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में राज्य के मूल निवासियों को बड़ा लाभ देने के लिए डोमिसाइल नीति लागू कर दी है.सरकारी स्कूलों में शिक्षक बहाली में बिहार के अभ्यर्थियों को अब 85% आरक्षण का लाभ मिलेगा. ‘सरकार की इस नई नीति के तहत सरकारी स्कूलों में शिक्षक बहाली में अब बिहारियों को 85% से अधिक आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसे इसी साल आयोजित होने वाली टीआरई-4 परीक्षा से लागू किया जाएगा. काफी समय से बिहार के युवा डोमिसाइल नीति को लागू करने की मांग करते रहे हैं. चुनाव से पहले सरकार ने इसे लागू कर करीब 5 लाख युवाओं को सीधे फायदा पहुंचाया है.

24 जून की कैबिनेट मीटिंग में नीतीश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन यानी वृद्धावस्था पेंशन और दिव्यांग पेंशन को 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया है. जुलाई की पेंशन से ही सभी को इसका लाभ भी मिलने लगा है.इससे विधवा महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगों को फायदा होगा. इनकी संख्या करीब एक करोड़ 9 लाख है. 2020 विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों के अंदर NDA के प्रति गुस्सा दिखा था. CSDS-लोकनीति के पोस्ट पोल सर्वे में बताया गया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों ने NDA को 5 फीसदी कम वोट किया था.21 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को 3 लाख से ज्यादा के बैंक लोन पर 3 फीसदी की कटौती कर दी. उन्हें अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा. पहले 3 लाख रुपए से ज्यादा के बैंक ऋण पर 10% ब्याज देना पड़ता था.इतना ही नहीं उन्होंने जीविका स्वयं सहायता समूह के सभी 1 लाख 40 हजार कर्मचारियों की सैलरी को दोगुना कर दिया है. ऐसे में ब्लॉक कर्मचारियों को 50 हजार और गांव के कर्मचारियों को 25 हजार रुपए तक की सैलरी मिलेगी. 2006 में शुरू हुई जीविका परियोजना से लगभग 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. लोन के ब्याज में कटौती से उन्हें सीधा फायदा होगा.

30 जुलाई को सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के पैसे में बढ़ोतरी का ऐलान किया. अब ‘आशा’ को 1 हजार की बजाए 3 हजार मासिक और ‘ममता’ को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपए मिलेंगे.इससे 95 हजार ‘आशा’ और 4600 ‘ममता’ कार्यकर्ताओं को फायदा होगा. 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली अभी चल रही है.आशा और ममता कार्यकर्ताओं की पहुंच घर तक होती है. इनकी संख्या भी ठीक-ठाक है. पैसा बढ़ने से इनका मनोबल बढ़ेगा और सरकार की बातों को घर-घर तक पहुंचा सकती है.

सवाल- रसोइया और शारीरिक शिक्षक और अनुदेशकों का मानदेयको भी बढ़ा दिया है.बिहार के 70 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के तहत भोजन पकाने वाले 2 लाख 38 हजार रसोइया और सहायक रसोइया हैं. ये काफी कम मानदेय 1650 रुपए मासिक पर कार्य कर रहे थे, लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि उनको हर माह 3300 रुपए दिए जाएंगे.राज्य के राजकीय प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत 8,386 शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशकों के मासिक मानदेय को सरकार ने 8,000 से बढ़ाकर 16,000 रुपए महीना कर दिया है.राज्य भर में कार्यरत 9,360 नाइट गार्ड्स के मानदेय में भी दोगुनी वृद्धि की है. इन्हें अब 5,000 की जगह 10,000 रुपए महीना मिलेगा.आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 11,000 रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है. यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी. इससे 2 लाख 28 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं को फायदा होगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले 10 बड़े ऐलान कर साढ़े 7 करोड़ वोटरों में से करीब सवा 5 करोड़ वोटरों को सीधा फायदा पहुंचाया है. इसमें से 50 फीसदी लोग भी वोट में कनवर्ट हुए तो महागठबंधन का सारा समीकरण बिगड़ जाएगा.‘चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने इस बार कई ऐसे ऐलान किए हैं, जिसका वह पहले विरोध करते थे. यह उनकी बदली हुई राजनीति और जमीन की ओर इशारा करता है. इसमें से आधे या उससे थोड़ा कम वोटर भी उनकी तरफ मुड़े तो . सत्ता में लौट सकती है NDA.’

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