
क्यों तेजस्वी यादव के सबसे दुलारे बाहुबली विधायक रीतलाल यादव इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं.दरअसल, पटना पुलिस का शिकंजा उनके ऊपर लगातार कसता जा रहा है.उन्हें भागलपुर जेल में कड़े पहरे में रख कर अपने लोगों से दूर कर दिया गया है.उनके रिश्तेदारों-दोस्तों और परिवार के सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है.बिहार सरकार में शिक्षक के पद पर काम कर रही उनकी पत्नी के खिलाफ कारवाई की तैयारी चल रही है.उनके भाई पिंटू यादव को जेल भेंज जा चूका है.अब रीतलाल यादव के बिजनेस पार्टनर सुनील महाजन कोपुलिस ने दबोच लिया है.. इसके ऊपर बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है. रीतलाल यादव भी इसी मामले में जेल में हैं.
सुनील महाजन गिरफ्तारी पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने रूपसपुर थाना क्षेत्र के महाजन मेंशन में छापेमारी के दौरान की.सुनील महाजन 10 अप्रैल को खगौल थाने में दर्ज हुए एक केस के बाद से फरार चल रहा था. पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपनी बहन से राखी बंधवाने के लिए आया है, जिसके बाद टीम ने छापेमारी कर उसे दबोच लिया. आया था राखी बंधवाने, लग गई हथकड़ी.इसी मामले में विधायक रीतलाल यादव भी जेल में है.सुनील का आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है. वह 2015 में दानापुर में हुए डबल मर्डर और 2010 में हुई एक हत्या के मामले में भी चार्जशीटेड है. इसी रंगदारी के मामले में विधायक रीतलाल यादव, उनके छोटे भाई पिंकू यादव, भांजे श्रवण यादव और चिक्कू यादव ने 17 अप्रैल को दानापुर कोर्ट में सरेंडर किया था, और फिलहाल रीतलाल यादव भागलपुर जेल में बंद हैं.
बिल्डर गौरव कुमार और राकेश कुमार ने 10 अप्रैल को खगौल थाने में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक रीतलाल यादव ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. दोनों के बीच 30 लाख रुपये पर समझौता हुआ, जिसमें से 14 लाख रुपये दे दिए गए थे. बिल्डर ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक उन पर कंस्ट्रक्शन मटेरियल अपने ही लोगों से खरीदने का दबाव बनाते थे.पुलिस ने इस केस के दर्ज होने के बाद 11 अप्रैल को विधायक और उनके 11 करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस ने 10.50 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, 6 सादे चेक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि सुनील को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पटना के कोर्ट में पेशी के दौरान रीतलाल यादव ने जज से अपने को भागलपुर जेल से पटना जेल शिफ्ट करने की मांग की थी.उसने टार्चर का आरोप लगाते हुए अपने लिए इच्छा मृत्यु की मांग तक कर दी थी.

