
अब राहुल गांधी महागठबंधन को एकजुट रखने में लीड रोल निभाने लगे हैं.महागठबंधन का कोई साथी आखिरी क्षण में साथ नहीं छोड़े, खुद राहुल गांधी घटक दलों के नेताओं से सीधे बातचीत करने लगे हैं। अपनी मांगों को लेकर नाराज चल रहे mukesh सहनी के बीजेपी के साथ जाने की अटकलों के बीच राहुल गांधी ने गुरुवार को खुद मुकेश सहनी से फोन पर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार पटना में हुई महागठबंधन की बैठक से गायब रहनेवाले मुकेश सहनी इसबार भी दिल्ली में होनेवाली महागठबंधन की बैठक से किनारा कर लिया था। लेकिन दोपहर में राहुल गांधी ने उन्हें फोन कर दिल्ली बुला लिया। मुकेश सहनी के दिल्ली पहुँचने के बाद ही बैठक शुरू हुई।
एसआईआर के मसले पर गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर आईएनडीआईए नेताओं का जुटान हुआ। बिहार से बैठक में राजद नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ ही विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी समेत वाम दलों के नेता शामिल रहे। राहुल गांधी के आवास पर हुई आईएनडीआईए नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने और चुनाव आयोग के समक्ष प्रदर्शन करने पर सहमति बनी। नेताओं ने संसद में भी इसे पुरजोर तरीके से उठाने का फैसला किया। बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष लामबंद हो गया है। अब इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की रणनीति बननी शुरू हो गई है।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेताओं ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर आपसी संवाद कर इस मसले को जनता की अदालत में ले जाने पर सहमति बनाई। एसआइआर के मुद्दे पर आईएनडीआईए नेताओं ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष प्रदर्शन करने पर भी सहमति बनाई। इसके साथ ही संसद में भी इस मसले को पुरजोर तरीके से उठाने पर सहमति बनी है। राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि भाजपा के इशारे से चुनाव आयोग लोगों से उनके मत का अधिकार छीनने की कोशिश कर रहा है। आयोग का यह कदम बताता है कि देश की संवैधानिक संस्थाएं कैसे सत्ता के अधीन हो चुकी हैं। राहुल गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में भाग लेने के लिए तेजस्वी यादव दोपहर को सेवा विमान से दिल्ली पहुंचे। वीआईपी नेता मुकेश सहनी को दोपहर करीब एक बजे राहुल गांधी ने फोन कर दिल्ली पहुंचने का आग्रह किया जिसके बाद वे शाम करीब साढ़े पांच बजे दिल्ली पहुंचे। वाम दलों के नेता पहले से दिल्ली में थे।