बिहारराजनीति

दो-दो पहचान पत्र रखने के आरोप में तेजस्वी यादव को हो सकती है कितने साल की सजा?

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दो-दो पहचान पत्र रखने के आरोप में तेजस्वी यादव को हो सकती है कितने साल की सजा?

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज हो गया है. दो वोटर कार्ड मामले में चुनाव आयोग के नोटिस के बाद दीघा थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. अधिवक्ता राजीव रंजन ने आवेदन में आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव द्वारा दो मतदाता पहचान पत्र बनवाए गए हैं. दोनों मतदान पहचान पत्र एक ही विधानसभा क्षेत्र के हैं.गौरतलब है कि इस मामले में चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी यादव से स्पष्टीकरण मांगा है.दो-दो मतदाता पहचान पत्र रखने पर तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ने लगी है.आवेदन मिलने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.कानून के जानकारों के अनुसार दो दो वोटर कार्ड रखने पर BNS की धारा 182 और Representation of the People Act की धाराएं 17 और 31 के तहत सजा हो सकती है. इसमें दोषी पाए जाने पर महीने से 5 साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है.

तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है. तेजस्वी के अनुसार उन्होंने जो EPIC नंबर (RAB2916120) शेयर किया, वो रिकॉर्डस में नहीं है. इसको संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करते हुए EPIC नंबर RAB2916120 का विवरण मांगा है ताकि इसकी जांच की जा सके.चुनाव आयोग ने रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव से उस मतदाता पहचान पत्र को जांच के लिए सौंपने को कहा है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह उनके पास है, जबकि वह आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था.बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने शनिवार को मतदाता पहचान पत्र संख्या जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत प्रकाशित ड्राफ्ट में मतदाता सूची में उनका नाम गायब है. उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे द्वारा सार्वजनिक करने के बाद उनके मतदाता पहचान पत्र संख्या को बदला गया.

पूर्व उपमुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र में पटना सदर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट-सह-दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ने कहा कि हमारी प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि 2 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने जिस मतदाता पहचान पत्र संख्या का उल्लेख किया था, वह आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की गई थी. इसलिए आपसे अनुरोध है कि विस्तृत जांच के लिए मूल मतदाता पहचान पत्र सौंप दें.इसके बाद राजद नेता ने आरोप लगाया कि उनका मतदाता पहचान पत्र संख्या बदली गई है, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट त्यागराज एस एम ने इस दावे का खंडन किया.जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि मतदाता सूची में जो ईपीआईसी नंबर है, वही माननीय विपक्ष के नेता ने 2020 के विधानसभा चुनावों में अपने हलफनामे में जमा किया था. अगर उनके पास किसी और नंबर वाला कोई और ईपीआईसी कार्ड है, तो यह जांच का विषय है.

भारत में वोटर कार्ड भी एक अहम दस्तावेज है. अगर आप 18 साल से ऊपर हो चुके हैं. तो आप इस दस्तावेद के लिए आवेदन दे सकते हैं. इसके बिना आपको वोटिंग का अधिकार नहीं मिलता है. इसके अलावा यह एक अहम पहचान दस्तावेज भी है.लेकिन इसे लेकर कुछ भी तय किए गए हैं. भारत में सभी लोगों के पास सिर्फ एक ही वोटर कार्ड हो सकता है. अगर किसी के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं या कोई सोच रहा है कि दूसरा बनवा लें. तो ऐसा करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है.

कई बार लोग अलग-अलग शहरों में रहने के दौरान नया वोटर कार्ड बनवा लेते हैं. लेकिन पुराने कार्ड को कैंसिल नहीं करवाते. बाद में यह गलती उन्हें भारी पड़ सकती है. अगर आप गलती से या जानकारी के अभाव में दो कार्ड बनवा चुके हैं. तो डरने की ज़रूरत नहीं. आप फॉर्म 7 भरकर पुराने वोटर कार्ड को कैंसिल करवा सकते हैं.फॉर्म 7 भरते समय आपको यह बताना होगा कि आप कौन सा कार्ड हटाना चाहते हैं और क्यों. इसके साथ ही जरूरी दस्तावेज़ भी देने होंगे. एक बार प्रक्रिया पूरी हो गई. तो रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा और आपके पास सिर्फ एक वैलिड कार्ड रहेगा.अगर ऐसा नहीं करते हैं तो गंभीर नतीजे हो सकते हैं. भारत के चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक एक नागरिक का नाम सिर्फ एक ही विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना चाहिए. दो जगह नाम होना या दो कार्ड रखना फर्जीवाड़ा माना जाता है. यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर असर डाल सकता है. ऐसा करने पर BNS की धारा 182 और Representation of the People Act की धाराएं 17 और 31 के तहत सजा हो सकती है. इसमें दोषी पाए जाने पर महीने से 5 साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है.

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