बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोलते हुए वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि चुनाव आयोग ने उन मतदान केंद्रों के एपिक नंबर क्यों छिपाए हैं, जहाँ से मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनकी मृत्यु हुई है या वे कहीं और चले गए हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि आपने किसी को नोटिस दिया है क्या? क्या प्रक्रिया रही है? क्या तरीका रहा है जिससे यह पता चला कि उसकी मौत हो गई या दूसरे जगह चले गए या वह डुप्लीकेट है?”
वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए, तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कई जिंदा लोगों को वोटर लिस्ट में मृत बताकर उनके नाम हटा दिए गए हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “बिहार में जब कुत्ते का आवासीय प्रमाण पत्र बन सकता है, तो समझ जाइए क्या गहनता से पुनरीक्षण हुआ होगा।”
तेजस्वी ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह मतदान केंद्र के हिसाब से वोटर लिस्ट का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वोटर लिस्ट से आईएएस अधिकारियों के नाम भी हटा दिए गए हैं, जो इस गड़बड़ी की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी इन मांगों पर चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
