
पटना सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जो दीघा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन पदाधिकारी भी हैं, ने तेजस्वी यादव से कहा है कि वे जिस ईपीआईसी नंबर का हवाला दे रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी अनुमंडल निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय को दें। इस कदम को चुनाव आयोग द्वारा मामले की तह तक जाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि उनके नाम से दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर आईडी कार्ड हैं, और एक में उनका रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। इसके बाद, एनडीए ने भी उन पर हमला बोलते हुए इसे ‘आठवां घोटाला’ करार दिया था और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी।
इस नोटिस के जारी होने के बाद, यह साफ हो गया है कि निर्वाचन अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अब देखना यह है कि तेजस्वी यादव इस नोटिस का क्या जवाब देते हैं और क्या वे अपने दावों की पुष्टि के लिए आवश्यक विवरण उपलब्ध कराते हैं। इस पूरे मामले ने बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसकी वजह से चुनाव आयोग और निर्वाचन अधिकारियों पर भी दबाव बढ़ गया है।