

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है. पार्टी की वरिष्ठ महिला नेता और पूर्व महिला मोर्चा उपाध्यक्ष विनीता मिश्रा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें अब घुटन महसूस होने लगी थी. वो आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं कर सकतीं.विनीता मिश्रा आज शाम 4 बजे प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में शामिल होंगी. उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा. इस पत्र में उन्होंने पार्टी में बीते कुछ समय से हो रही उपेक्षा और आंतरिक असंतोष का ज़िक्र किया है.
विनीता मिश्रा ने भाजपा के साथ अपने 26 वर्षों के राजनीतिक सफर को याद करते हुए कहा कि, उन्होंने स्व. नवीन किशोर सिन्हा के विधानसभा क्षेत्र से पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम की शुरुआत की थी. जंगलराज के कठिन दौर से लेकर नीतीश कुमार के 2005 की सरकार बनने तक, उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर ईमानदारी से संगठन को मजबूत किया.विनीता ने यह भी बताया कि, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर भाजपा से जुड़ी थीं और बिहार के विकास में अपनी भूमिका को गिलहरी की भूमिका की तरह मानती रही .अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि, पिछले डेढ़ साल से वह अंदरूनी उथल-पुथल से जूझ रही थीं. पार्टी में बाहर से आए नेताओं की बढ़ती भीड़ के बीच उन्हें ऐसा महसूस होने लगा कि उनकी खुद की पहचान दबती जा रही है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि, अब वह उस उद्देश्य और ऊर्जा के साथ पार्टी में काम नहीं कर पा रही थीं, जिससे उन्होंने शुरुआत की थी.
अंत में विनीता मिश्रा ने कहा कि, भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि व्यक्ति आते-जाते रहेंगे, लेकिन देश और बिहार की आत्मा हमेशा जीवित रहनी चाहिए. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जनसुराज में विनीता मिश्रा को किस भूमिका में लाया जाता है और आगामी चुनावी राजनीति में यह कदम क्या असर दिखाएगा.भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की बिहार प्रदेश की पूर्व उपाध्यक्ष विनीता मिश्रा ने पार्टी को कहा अलविदा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को लिखा दिल को छू जाने वाला पत्र कहा घुटन हो रही थी पार्टी में जिस पार्टी के लिए 26 27 वर्षों तक एक कार्यकर्ता के रूप में काम करती आई उसे पार्टी ने कभी भी उचित सम्मान नहीं दिया .
विनीत मिश्रा बिहार की बड़े कार्यक्रमों की आयोजन के तौर पर भी जानी जाती है जिन्होंने पंकज उदास से लेकर जगजीत सिंह और कई बड़े कलाकारों का बिहार में कार्यक्रम करवाया था भूमिहार बिरादरी से आने के कारण विनीत मिश्रा को कई बार पार्टी संगठन ने दरकिनार किया जैसा कि वह कहती हैं विनीत मिश्रा का कहना है कि भूमिहार होना क्या गुनाह है जी इमानदारी के साथ पार्टी के लिए समर्पित रही उसे पार्टी ने उनके बाद के कई जूनियर लोगों को प्रमोट किया ऐसे में अब पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं बच जाता पर बड़ा दर्द है अपनी ईमानदार कोशिश की असफलता को लेकर.