
बिहार विधान परिषद और विधान सभा में मंगलवार को वोटर पुनरीक्षण के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बुरी तरह से बाधित हुई. कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने के बाद विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन में काला कपड़ा पहनकर आये विपक्षी सदस्यों पर चुटकी लेते हुए सभापति ने कहा कि आप लोग काले कपड़े में अच्छे लग रहे है. शुभकामना देते हैं कि ऐसे ही काला लिबास में बने रहे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की मौजूदगी में राजद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दकी ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. वोटर पुनरीक्षण को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए अब्दुल बारी सिद्दकी ने कहा कि 3 करोड़ लोग बिहार से बाहर काम करते हैं. इन सभी को वोट देने देने से वंचित किया जा रहा है. कार्य स्थगन प्रस्ताव सदन में पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि वोटर पुनरीक्षण पूरी तरह से अव्यावहारिक है, इतने कम समय में वोटर पुनरीक्षण संभव नहीं है. इस मौसम किसान बाहर जाते है और छठ के समय अक्टूबर नवम्बर में आते है. अक्टूबर नवम्बर में बिहार में चुनाव होने है. निर्वाचन आयोग, बीजेपी और सहयोगी पार्टी मिलकर वोट देने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं.
हालांकि सिद्दीकी के प्रस्ताव पर सभापति में कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. जो मामला सुप्रीम कोर्ट में है उसे यहां नहीं उठाया जा सकता है. इस पर आरजेडी के सभी एमएलसी सीट पर खड़े हुए और परिषद में आरजेडी एमएलसी की नारेबाजी शुरू हो गई. इतना ही नहीं आरजेडी के सभी एमएलसी वेल में पहुंच गए. हालांकि संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सदम में विपक्ष को कहा कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी भारत का नागरिक होगा उसे बाहर नहीं किया जाएगा. यह सरकार की भी चिंता है. चुनाव आयोग ने पूरी तरह आश्वासन दिया है कोई भी वैध मतदाता बाहर नहीं होगा.
इसके बाद भी विपक्ष की नारेबाजी जारी रही. रिपोर्टिंग टेबल के पास पहुंचकर विपक्ष के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. यहां तक कि राबड़ी देवी भी परिषद के भीतर बैनर लेकर खड़ी हो गई. आरजेडी के सभी एमएलसी वेल में करते नारेबाजी रहे. अंत में विधान परिषद की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. यहीं हाल विधान सभा का रहा.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एसआईआर का विषय बिहार के वोटरों से जुड़ा हुआ है. इसलिए इस पर तत्काल सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वोटरों से चुनकर ही सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के लोग हों यहां विधानसभा में पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और इसी बिहार में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. एसआईआर की जो प्रक्रिया चुनाव आयोग के द्वारा बनाई गई है वह वोटरों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि जब वोटरों के नाम ही मतदाता सूची से कट जाएंगे तो इसका क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि अगर सदन में हम इसकी चर्चा नहीं करेंगे तो कहां करेंगे.

