नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान कई विधायकों ने पाला बदला था.किसी ने नीतीश सरकार गिराने के लिए तो किसी ने नीतीश सरकार को बचाने के लिए पाला बदला.कुछ विधायकों की कोशिश नाकाम हो गई.जो विधायक खेल नहीं कर पाये उनके ऊपर तो खरोद फरोख्त में शामिल होने का आरोप है और वो जांच का सामना कर रहे हैं.लेकिन ऐसे विधायक की मुश्किल भी बढ़ गई है जिन्होंने आरजेडी को छोड़कर नीतीश सरकार का साथ दिया.ये बाहुबली विधायक हैं प्रहलाद यादव.
लखीसराय जिले का सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकेट पर चुनाव जीतनेवाले प्रह्लाद यादव मुश्किल में हैं.जेडीयू के सांसद ,केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ये सीट प्रहलाद यादव के लिए छोड़ने को तैयार नहीं हैं. यहाँ से जेडीयू के टिकट पर रामनंद मंडल ने चुनाव लड़ा था. लोजपा की टिकट पर रविशंकर प्रसाद सिंह मैदान में थे.लेकिन बाजी मार ली आरजेडी के प्रह्लाद यादव ने.उन्होंने 62306 वोट पाकर इस सीट पर अपना कब्ज़ा कर लिया.
नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान बीजेपी के कहने पर उन्होंने आरजेडी छोड़ दिया. संभावना जताई जा रही थी की इसके लिए प्रह्लाद यादव को एनडीए की ओर से कोई आश्वासन दिया गया होगा.लेकिन इस सीट को लेकर पेंच फंस गया है. केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने कहा है कि सूर्यगढ़ा सीट जेडीयू की है. पार्टी अपने सामाजिक समीकरण का ख्याल रखते हुए यहाँ से अपने उम्मीदवार तय करेगी. लखीसराय के आतंक ( प्रहलाद यादव )को यहाँ से टिकट नहीं दिया जायेगा.
