
दिल्ली से करीब 2500 किलोमीटर दूर तेहरान में हमले हो रहे हैं. लेकिन इसका असर भारत पर भी पड़ना तय माना जा रहा है. अगर इजरायल और ईरान के बीच युद्ध भड़क गया और इसमें मिडिल ईस्ट के दूसरे देश भी शामिल हो गए तो डीजल-पेट्रोल और एलपीजी गैस के दामों पर बड़ा असर पड़ सकता है.भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल दुनिया के दूसरे देशों से इंपोर्ट करता है. और इसका एक तिहाई हिस्सा मिडिल ईस्ट के देशों से आता है. यानी वहां से आ रहे तेल पर यदि युद्ध की वजह से दिक्कत हुई तो दाम बढ़ सकते हैं.
ईरान-इजरायल टेंशन शुरू होते ही कच्चा तेल 92 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया है.अमेरिका की प्रसिद्ध वित्तीय संस्था जेपी मॉर्गन का दावा है कि ये कीमतें 31 फीसदी बढ़कर 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं. अगर इतनी बढ़ोत्तरी पेट्रोल की कीमतों में भी हो जाए तो जो पेट्रोल आप दिल्ली में 94 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदते हैं उसकी कीमत बढ़कर 123 रुपये लीटर हो सकती है.
मतलब तेल की जंग का सबसे खतरनाक असर आपकी जेब पर दिखने की आशंका है. हालांकि दिक्कत सिर्फ तेल के दामों की ही नहीं है. इसका असर हर तरफ दिखाई देगा.संभव है आपमें से कई लोगों ने शेयर बाजार में पैसे लगाए होंगे. और आज मिडिल ईस्ट में जंग की खबर आते ही हमारा शेयर बाजार डेढ़ प्रतिशत से ज्यादा गिर गया, जिससे निवेशकों को नुकसान हुआ है. हालांकि बाद में बाजार बंद होते समय इसमें सुधार आया. लेकिन युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि इजरायल का दावा है कि चाहे जितने दिन लगें वो ईरान के साथ जंग करता रहेगा.


