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बिहार पुलिस में ऊपर से नीचे की तरफ बह रही भ्रष्टाचार की गंगा?

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पैसे के चक्कर में खाकी बार-बार हो रही दागदार; मधुबनी में एक माह में 4 दारोगा, 1 जमादार और चौकीदार सस्पेंड

बिहार पुलिस में ऊपर से नीचे की तरफ बह रही भ्रष्टाचार की गंगा?

बिहार में जैसे जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई हो रही है, वैसे वैसे भ्रष्टाचार का बड़ा चेहरा सामने आ रहा है.मधुबनी जिले में पिछले एक महीने में भ्रष्टाचार लापरवाही और अपराधियों से मिलीभगत के आरोप में पांच पुलिस अधिकारियों और एक चौकीदार को निलंबित किया गया है. पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार ने कहा है कि मधुबनी पुलिस अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है.उन सभी पुलिस पदाधिकारियों और चौकीदार की असलियत लोगों के सामने आने के बाद से फिर एक बार मधुबनी पुलिस कटघरे में खड़ी हो गई है.

आम लोगों के द्वारा पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध अक्सर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ मिलीभगत एवं जांच पड़ताल के नाम पर आर्थिक शोषण के आरोप लगाए जाते रहे हैं.बीते एक माह में जो घटनाएं सामने आई है, वह कहीं ना कहीं इन बातों पर अपनी मुहर भी लगा रही है. नया मामला हरलाखी थाना के एएसआई प्रमोद कुमार एवं चौकीदार अजय कुमार का सामने आया है. शराब से जुड़े केस संख्या 53/25 के नामजद आरोपी से नाम हटाने के एवज में रुपये लेते जमादार प्रमोद कुमार एवं चौकीदार अजय कुमार का वीडियो वायरल हुआ था.

इससे पूर्व 5 मई को इसी थाना के थानाध्यक्ष जितेंद्र सहनी को थाने में दर्ज मादक पदार्थ से संबंधित कांड के मुख्य आरोपी राहुल सिंह के साथ नजदीकी संबंध जग जाहिर होने के बाद एसपी द्वारा निलंबित किया जा चुका है.जब किसी थानेदार का मादक द्रव्य पदार्थ के तस्कर के साथ इतना नजदीकी संबंध हो जहां उसके कैसे का अनुसंधानकर्ता भी उसी से पूछ कर बनाया जाता है. तब सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि आम लोगों के बीच पुलिस की कैसी छवि बन रही है.

लखनौर थाना अंतर्गत मैवी में डकैत हथियारों के साथ गृह स्वामियों को बंधक बना डकैती की घटना को अंजाम दिया. इतनी बड़ी डकैती की घटना को लखनौर थानाध्यक्ष रेणु कुमारी चोरी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर खानापूर्ति कर लिया.इसकी सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक के द्वारा झंझारपुर एसडीपीओ से मामले की जांच कराई गई. अपराध एवं अपराधियों को नियंत्रित नहीं कर पाने तथा कर्तव्यहीनता एवं लापरवाही के आरोप में एसपी योगेन्द्र कुमार के द्वारा एसएचओ रेणु कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.

2 मई को बाबूबरही थाना के एसआई दिलीप कुमार मिश्रा को एसपी योगेंद्र कुमार ने काम के प्रति लापरवाही, मनमानेपन, अनुशासनहीनता एवं उदंडता के आरोप में तत्काल प्रभाव से लंबित कर दिया.एसआई दिलीप कुमार मिश्रा के पास अनुसंधान के लिए लंबित विशेष कांड 25 तथा अवशेष कांड 55 था. जिसमें उनके द्वारा एक भी कांड में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया गया और न ही कांड समीक्षा के दौरान उनके द्वारा अद्यतन कांड देने की प्रस्तुत की गई.

3 मई को जयनगर थाना में पदस्थापित एसआई संतोष कुमार को संदिग्ध आचरण, काम के प्रति लापरवाही, कर्तव्यहीनता, स्वेच्छाचारिता, मनमानेपन, बालू माफिया एवं भूमाफियाओं से सांठगांठ एवं संदिग्ध आचरण को लेकर पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार के द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.इस संबंध में जयनगर थाना के अपर थानाध्यक्ष शुभम कुमार के द्वारा जयनगर सीडीपीओ को प्रतिवेदन समर्पित किया गया था. जयनगर एसडीपीओ विप्लव कुमार के द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को दी गई थी. उक्त रिपोर्ट के आलोक में पुलिस अधीक्षक के द्वारा यह कार्रवाई की गई.

पांच मई को हरलाखी थानाध्यक्ष जितेंद्र सहनी को मादक द्रव्य पदार्थों के तस्करों के साथ मिली भगत, संवेदनशील जानकारी को प्रकटीकरण कर गोपनीयता भंग करने, काम के प्रति घोर लापरवाही, आदेश का उल्लंघन, स्वेच्छा चरित एवं अनुशासनहीनता के आरोप में पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार के द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.29 मई को हरलाखी थाना के एएसआई प्रमोद कुमार तथा चौकीदार अजय कुमार को सनहा दर्ज करने के नाम पर रुपए लेने एवं रुपए की मांग करने के मामले में निलंबित कर दिया गया.

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