
अब तक बिहार के चार जवान भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान शहीद हो चुके हैं. छपरा के मोहम्मद इम्तियाज, सीवान के रामबाबू सिंह और नवादा के मनीष कुमार के बाद अब नालंदा के सिकंदर राउत की शहादत ने सबको हिलाकर रख दिया है.पाकिस्तान की कायराना हरकत से लोग गुस्से में नजर आ रहे हैं. बिहार रेजिमेंट के जवान सिकंदर राउत को 13 मई को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में गोली लगी थी. जहां इलाज के दौरान वह शहीद हो गए.
सबसे पहले सारण जिले के गड़खा थाना के नारायणपुर गांव के मोहम्मद इम्तियाज ने शहादत दी थी. इसके बाद सीवान के रामबाबू सिंह ने देश सेवा में अपने प्राणों की आहुति दे दी. देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वालों में बिहार के एक और लाल नवादा के कोआकोल के रहने वाले आर्मी जवान मनीष कुमार हैं. नालंदा के सिकंदर राउत के शहीद होने की सूचना सामने आई है. सीमा सुरक्षा बल के जवान सिकंदर राउत जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे. वे नालंदा के बिंद थाना क्षेत्र के उतरथु गांव के रहने वाले थे.प्रशासन की ओर से शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी की जा रही है. गांव जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लोगों को आज सिकंदर राउत की शहादत पर गर्व है.
सीवान के रहने वाले आर्मी जवान रामबाबू सिंह ने सीमा की सुरक्षा करते शहीद हो गये. रामबाबू आर्मी के ऑपरेटर थे. उनके पिता रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके हैं. रामबाबू की शादी के कुछ ही महीने हुए थे. बीते 10 अप्रैल को छुट्टी समाप्त होने के बाद रामबाबू जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे. तभी भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच उनके शहादत की सूचना आई. जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सीवान लाया गया. लोगों ने नम आंखों से बिहार के लाल को अंतिम विदाई दी.
नवादा के कोआकोल के रहने वाले आर्मी जवान मनीष कुमार ने भी अपने प्राणों की आहुति देश सेवा में दे दी है. शहीद के पिता को सेना के कर्नल ने बेटे की शहादत की जानकारी दी. शहीद मनीष कुमार के पार्थिव शरीर को गुरुवार को नवादा स्थित उनके पैतृक गांव में लाया जाएगा. इसी साल 6 मार्च को बहुत ही धूम-धाम से उनकी शादी हुई थी. शादी के 30 दिन के बाद वह कारगिल चले गये, अब शहीद होकर वापस लौट रहे हैं.