
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान अनंत सिंह सहित 80-100 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, लेकिन आरोप पत्र सिर्फ अनंत कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। लेकिन साक्ष्य के अभाव में आज अनंत सिंह को बरी कर दिया गया।
मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर 2019 में आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज हुआ था। एक मामले में साक्ष्य के अभाव में अनंत सिंह को बरी कर दिया गया है। अभियोजन पक्ष अनंत सिंह के खिलाफ आरोप को साबित करने में विफल रहा। मुंगेर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया।
मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है। जब 31 मार्च 2019 को बिना इजाजत के अनंत सिंह 16 गाड़ियों के काफिले के साथ पत्नी नीलम देवी के लिए चुनाव प्रचार करने निकले थे। इन गाड़ियों में उनके समर्थक बैठे हुए थे। अनंत सिंह ने अपनी पत्नी और कांग्रेस की प्रत्याशी नीलम देवी के समर्थन में धरहरा में चुनाव प्रचार किया था। तब जमालपुर के अंचलाधिकारी अबुल हुसैन ने अनंत सिंह और उनके 80-100 समर्थकों पर केस दर्ज कराया था। सबूत के अभाव में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान अनंत सिंह सहित 80-100 समर्थक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन आरोप पत्र सिर्फ अनंत कुमार सिंह के खिलाफ कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। शनिवार 3 मई को इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुंगेर की MP-MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सह सहायक सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार पंकज ने साक्ष्य के अभाव में अनंत सिंह को बरी कर दिया। इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
अनंत सिंह को भले ही कोर्ट से रिहाई मिल गई लेकिन वो अभी जेल में ही रहेंगे। अनंत सिंह कुछ दिन पहले पैरोल पर 24 घंटे के लिए बेऊर जेल से बाहर निकले थे। बाढ़ के लदमा में उनकी पोती की शादी थी। शादी में शामिल होने के बाद वो वापस बेऊर जेल लौट गये। हालांकि इस दौरान अनंत सिंह ने रिहाई के संकेत दिये थे। कहा था कि 15-20 दिन में हाईकोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिलने वाली है। जिसके बाद वो आगामी विधानसभा चुनाव में मोकामा से अपनी किस्मत अजमा सकते हैं। अब उनके समर्थक अपने छोटे सरकार की रिहाई की आश लगाए बैठे हैं। उनका कहना है कि उनके छोटे सरकार बहुत जल्द हम सबके सामने होंगे।