
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और पार्टी के भीतर चल रही समीक्षा बैठकों के बीच, राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव परिवार के साथ लंबी छुट्टी पर यूरोप निकल गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी अपनी पत्नी राजश्री और दोनों बच्चों के साथ क्रिसमस और नए साल का जश्न विदेश में मनाएंगे।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि राजद के खेवनहार माने जाने वाले तेजस्वी अब दिसंबर के अंत के बाद ही पटना लौटेंगे। उनका यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पार्टी विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की गंभीरता से समीक्षा कर रही है और कार्यकर्ताओं में नेतृत्व की अनुपस्थिति को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
राबड़ी देवी के बंगले पर नोटिस और परिवार की असहजता
तेजस्वी के विदेश जाने के बीच, उनके परिवार को एक और महत्वपूर्ण बदलाव से गुजरना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10, सर्कुलर रोड स्थित उनके सरकारी बंगले को खाली करके 39, हार्डिंग पार्क वाले बंगले में शिफ्ट होने का नोटिस मिल चुका है। ऐसे महत्वपूर्ण समय में परिवार की बहू राजश्री की अनुपस्थिति परिवार के लिए थोड़ी असहजता पैदा कर सकती है।
तेजस्वी ने ईसाई धर्मावलंबी रेचल गोडिन्हो से शादी की है, जो अब राजश्री के नाम से जानी जाती हैं। राजश्री अपने पति तेजस्वी के साथ राबड़ी देवी के सरकारी आवास में ही रहती थीं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान इसी बंगले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने ईसाई त्योहार हैलोवीन मनाया था। उस समय लालू प्रसाद का अपनी पोती कात्यायनी के साथ खुशियां मनाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, हालांकि कुछ नुक्ताचीनी भी हुई थी।
मीडिया से दूरी और विपक्ष का कटाक्ष
करारी चुनावी पराजय के बाद से ही तेजस्वी यादव ने मीडिया से दूरी बना रखी है। उन्होंने सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने से भी परहेज किया है। विधानसभा के पांच दिवसीय सत्र के दौरान उन्होंने नवगठित विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली थी। मिली जानकारी के अनुसार, बच्चों को लेकर राजश्री 24 नवंबर को दिल्ली गई थीं, जिसके बाद 27 नवंबर को तेजस्वी भी दिल्ली चले गए थे।
विधानसभा सत्र में शपथ लेने के बाद, सत्र के दूसरे दिन (दो दिसंबर) की कार्यवाही समाप्त होने के तुरंत बाद तेजस्वी अचानक फिर दिल्ली निकल गए और वहीं से वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यूरोप की छुट्टियों पर रवाना हो गए हैं। उनकी इस लंबी अनुपस्थिति को लेकर विपक्षी दल लगातार कटाक्ष कर रहे हैं और कह रहे हैं कि चुनाव में हार के बाद उन्होंने मैदान छोड़ दिया है। तेजस्वी यादव का फोकस अभी परिवार संग क्वालिटी टाइम बिताना है, जबकि बिहार की राजनीति और उनकी पार्टी आरजेडी के सामने आगामी रणनीति तय करने की बड़ी चुनौती है।