
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा है, लेकिन इस संवैधानिक प्रक्रिया के बीच सदन से एक बेहद खूबसूरत और राजनीतिक सौहार्द से भरी तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कभी बेहद खास रहे और अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक बन चुके रामकृपाल यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को गर्मजोशी से गले लगाया। ‘चाचा-भतीजा’ की इस मुलाकात ने सदन के माहौल को खुशनुमा बना दिया।
बिहार विधानमंडल का 18वां शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है, जिसमें पहले दिन सभी 243 नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाई जा रही है। प्रो-टेम स्पीकर की देखरेख में चल रही इस प्रक्रिया में सबसे पहले उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शपथ ली, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने शपथ ग्रहण किया। इसके बाद वरीयता क्रम के अनुसार अन्य मंत्रियों ने शपथ ली।
रामकृपाल यादव ने लिया आशीर्वाद और बढ़ाया सौहार्द
दानापुर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद विधायक बने रामकृपाल यादव ने जब अपनी बारी में शपथ ग्रहण किया, तो उनके बाद सदन में मौजूद सदस्यों का अभिवादन करने का उनका तरीका सुर्खियों में आ गया।
शपथ लेने के उपरांत, रामकृपाल यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचे और उन्होंने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद, वह सीधे विरोधी खेमे में नेता प्रतिपक्ष की सीट पर बैठे तेजस्वी यादव के पास पहुंचे। तमाम राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को दरकिनार करते हुए, रामकृपाल यादव ने तेजस्वी यादव को गले लगा लिया। यह दृश्य सदन में मौजूद सभी सदस्यों के लिए एक सुखद आश्चर्य था, क्योंकि पहली बार यह ‘चाचा-भतीजा’ सार्वजनिक रूप से गले मिले। इस तस्वीर को बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों और संवैधानिक गरिमा के बीच सौहार्दपूर्ण तालमेल के रूप में देखा जा रहा है।
5 दिन का सत्र और स्पीकर का चुनाव
आज के दिन कुल 243 नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, नए विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी आज ही पूरी होनी है। 2 दिसंबर को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कराया जाएगा।
विधानसभा चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद 18वीं विधानसभा की यह पहली बैठक है। यह शीतकालीन सत्र कुल 5 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल पाँच बैठकें आयोजित होंगी और कई महत्वपूर्ण विधेयक तथा नीतियों पर चर्चा होने की संभावना है।