
बिहार के भागलपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ नशे के जानलेवा शौक ने एक हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया। बबरगंज थाना क्षेत्र के मुगलपुरा हुसैनाबाद में एक व्यक्ति ने अत्यधिक शराब पीने के बाद गलती से बाथरूम में रखा एसिड पी लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है।
नशे की हालत में हुई जानलेवा चूक
मृतक की पहचान मुगलपुरा हुसैनाबाद निवासी फागु दास के 60 वर्षीय पुत्र सीताराम दास के रूप में हुई है। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सीताराम दास ने शनिवार को अपनी क्षमता से काफी अधिक शराब का सेवन कर लिया था। अत्यधिक नशे के कारण उनकी मानसिक सुध-बुध खो चुकी थी और घर लौटते समय रास्ते में ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी।
जब वे लड़खड़ाते हुए घर पहुंचे, तो उनकी पत्नी सुगरी देवी उन्हें सहारा देकर कमरे के अंदर ले गईं। इसी बीच, प्यास लगने या नशे के उन्माद में सीताराम दास घर के बाथरूम में चले गए। वहाँ रखी एसिड की बोतल को उन्होंने शराब या पानी समझकर पी लिया। एसिड गले से नीचे उतरते ही उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई और वे दर्द से कराहने लगे।
अस्पताल में तोड़ा दम
सीताराम की बिगड़ती स्थिति को देख परिजन आनन-फानन में उन्हें मायागंज अस्पताल लेकर भागे। डॉक्टरों ने तुरंत उनका उपचार शुरू किया और शरीर से जहर निकालने की कोशिश की। हालांकि, अत्यधिक शराब और शरीर के अंदरूनी अंगों में एसिड से हुए गहरे जख्मों के कारण संक्रमण तेजी से फैल गया। घंटों चले संघर्ष के बाद इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिवार का इकलौता सहारा छीना
मृतक सीताराम दास पेशे से मोची थे और मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार की गाड़ी खींच रहे थे। उनकी सीमित आय के बावजूद वे अपनी पत्नी, एक बेटे और एक बेटी का भरण-पोषण ईमानदारी से कर रहे थे। उनकी अचानक मौत से परिवार के सामने अब आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। पत्नी सुगरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
सुरक्षा और जागरूकता की कमी
इस घटना ने समाज में दो बड़े खतरों को उजागर किया है—पहला ‘नशे का दुष्प्रभाव’ और दूसरा ‘घरेलू रसायनों के प्रति लापरवाही’। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि घर में एसिड जैसी खतरनाक चीजें सुरक्षित स्थान पर रखी होतीं, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। पुलिस ने अस्पताल से मिली सूचना के आधार पर यूडी केस दर्ज कर लिया है और शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
