
चारा घोटाले के एक मामले में अब रोजाना सुनवाई होगी। सीबीआई की विशेष अदालत के जज राकेश कुमार ने मामले की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए यह आदेश दिया है। अदालत ने इस आदेश के साथ ही सभी आरोपियों के लिए हाजिरी और अन्य आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं।
चारा घोटाले के इस मामले में अब तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए आरोपियों को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होना अनिवार्य होगा। इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत कुछ तत्कालीन मंत्री, विधायक और IAS अधिकारी भी आरोपी हैं। मामला 1996 का है, जब भागलपुर के बांका उप-जिला ट्रेजरी से फर्जी और जाली बिल के माध्यम से लगभग 45 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई थी। यह चारा घोटाले के सबसे बड़े मामलों में से एक माना जाता है। दरअसल, यह केस बाद में सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने इस मामले में FIR दर्ज की और तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित कुल 44 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। केस को RC 63 (A)/96 के नाम से रजिस्टर्ड किया गया था। हालांकि, आरोपियों में से कुछ की मौत भी हो चुकी है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने चारा घोटाले में कुल 66 मामले दर्ज किए थे, जिनमें से 6 मामलों में राजद सुप्रीमो को आरोपी बनाया गया था। इन मामलों में से अब तक लालू यादव को 5 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। सबसे हालिया फैसला 2022 में आया था, जब उन्हें डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दोषी ठहराया गया। इस तरह, चारा घोटाले के आरोपों के तहत लालू यादव की कानूनी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं और उनका राजनीतिक करियर भी इससे प्रभावित हो चुका है।