
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए भड़काऊ और हिंसक गानों को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सख्त रुख अपनाया है। आरजेडी नेता ने भोजपुरी और अन्य भाषाओं के करीब एक दर्जन गायकों को कानूनी नोटिस भेजा है, जिन पर बिना अनुमति उनके नाम और पार्टी का इस्तेमाल करने का आरोप है।
चुनाव अभियान के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे गाने सोशल मीडिया पर फैल गए थे, जिनमें तेजस्वी यादव व आरजेडी के नाम का अनधिकृत उपयोग किया गया। कई गानों में हिंसक, उकसाऊ और अराजकता फैलाने वाले डायलॉग शामिल थे। इनमें से कई गीतों में यह संदेश देने की कोशिश की गई कि तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने पर कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी। एक गाने में इस्तेमाल की गई लाइन—“6 ठो गोली मारब कपारे में”, “मारब सिक्सर के छौ गोली छाती में रे”—ने खासा विवाद खड़ा किया था।
तेजस्वी यादव की ओर से भेजे गए नोटिस में पूछा गया है कि उनके नाम, छवि और पार्टी पहचान का इस्तेमाल बिना अनुमति क्यों किया गया। आरजेडी का कहना है कि इन गानों ने न केवल तेजस्वी की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, बल्कि समाज में गलत संदेश भी प्रसारित किया। पार्टी का दावा है कि इन गानों का उद्देश्य जानबूझकर चुनावी माहौल को प्रभावित करना और तेजस्वी यादव को निशाना बनाना था।
यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक तरफ कई लोग गायकों के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ कलाकार इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा बता रहे हैं। हालांकि, आम राय यही है कि किसी भी व्यक्ति के नाम, छवि या पहचान का गलत संदर्भ में उपयोग नहीं होना चाहिए, विशेष रूप से चुनाव जैसे संवेदनशील समय में।
तेजस्वी यादव की कानूनी टीम अब सभी गायकों के जवाबों की समीक्षा करेगी। यदि कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिलता है, तो संबंधित कलाकारों पर मानहानि और अन्य कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

