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सीतामढ़ी स्टेशन पर लगा भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने घंटों बाद पाया काबू…

बिहार,भीषण आग

बिहार के सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन परिसर में शुक्रवार दोपहर अचानक लगी भीषण आग से अफरातफरी मच गई। दो बजे के आसपास उठी लपटों ने देखते ही देखते पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया। आग के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है, जबकि कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल दल ने स्थिति पर काबू पाया। घटना में रेलवे को हुई क्षति का आकलन स्टेशन अधिकारियों द्वारा फिलहाल नहीं किया जा रहा है, जिससे हालात को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

घटना के बाद नुकसान का आकलन जारी है और अधिकारी क्षति की सटीक जानकारी बाद में साझा किए जाने की बात कह रहे हैं। आग लगते ही स्टेशन परिसर और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया। लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में घना धुआं पूरे परिसर में फैल गया, जिससे यात्रियों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कई लोग अपनी जान बचाने के लिए भागते समय घायल भी हुए, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने स्टेशन पर इतनी भीषण आग और धुएं का मंजर पहले कभी नहीं देखा था। सूचना पाकर रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे और तत्काल दमकल विभाग को खबर दी गई। शुरुआती घंटों में पहुंची छोटी दमकल गाड़ियों को आग बुझाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद बड़ी दमकल गाड़ियों की तैनाती की गई। कई घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर नियंत्रण पाया जा सका। हालांकि, इस दौरान कई स्थानीय लोगों और यात्रियों ने आग की भयावह लपटों और आसमान छूते धुएं के वीडियो व तस्वीरें भी कैद कीं गई है। अधिकारियों के मुताबिक, आग के कारणों की जांच जारी है और प्रारंभिक नुकसान का आकलन पूरा होने के बाद ही आधिकारिक जानकारी साझा की जाएगी।

स्थानीय लोगों के अनुसार, स्टेशन परिसर में इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके चलते बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाइपें वहां रखी हुई थीं। आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं पाइपों में अचानक आग भड़कने से लपटें तेजी से फैल गईं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने यह भी बताया कि स्टेशन पर लगे अग्निशमन यंत्र आग बुझाने में बिल्कुल कारगर साबित नहीं हुए। बताया जा रहा है कि ये यंत्र लंबे समय से खराब पड़े थे और आपात स्थिति में बिल्कुल भी उपयोगी नहीं रहे। फिलहाल आग के सही कारणों की जांच जारी है और रेलवे प्रशासन से इस लापरवाही पर जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है।

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