
आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में सोमवार को एक बड़ा मोड़ सामने आया। जब बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर मौजूदा स्पेशल जज विशाल गोगने को बदलने की मांग कर दी। उनका आरोप है कि जज का रुख निष्पक्ष नहीं दिख रहा, इसलिए मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपा जाना चाहिए।
कानूनी जानकारों का कहना है कि किसी आरोपी द्वारा जज परिवर्तन की मांग तब सामने आती है जब उसे लगता है कि अदालत का रुख उसके खिलाफ जा रहा है या ट्रायल उसकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं चल रहा। यही वजह है कि राबड़ी देवी की अर्जी को लेकर राजनीतिक हलकों में भी दो धड़े बन गए हैं। वहीं, विपक्ष इसे स्पष्ट रूप से ‘राजनीतिक बचाव’ का कदम बता रहा है, जबकि राजद खेमे का तर्क है कि यह न्यायिक निष्पक्षता सुनिश्चित करने की एक स्वाभाविक मांग है। हालांकि, इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होने की संभावना है, और सबकी नजरें इस बात पर टिकी होंगी कि कोर्ट उनकी याचिका को स्वीकार करता है या खारिज। गौरतलब है कि कानून आरोपी पक्ष को जज परिवर्तन या केस ट्रांसफर की मांग करने का अधिकार देता है, और अतीत में सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
IRCTC होटल टेंडर घोटाले में पहले ही लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और पूर्व आईआरसीटीसी अधिकारियों समेत कुल 14 आरोपियों पर आरोप तय हो चुके हैं, जिसके बाद मामला रोजाना सुनवाई की चरण में पहुंच गया था। ऐसे में अब राबड़ी देवी द्वारा जज परिवर्तन की मांग ने न सिर्फ ट्रायल की दिशा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि पूरे मामले को कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर और भी गर्मा दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि अदालत इस ताज़ा अर्जी पर क्या रुख अपनाती है।
