
मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, दुलारचंद की मौत गोली से नहीं, बल्कि फेफड़ा फटने और कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उनके सीने की कई पसलियां टूटी थीं और किसी भारी वस्तु या धक्के से गिरने के कारण फेफड़ा फट गया। जांच अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिससे अब पूरे मामले का रुख बदलने की संभावना जताई जा रही है।
इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को तीन डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने तैयार किया है, जिन्होंने दुलारचंद यादव का पोस्टमार्टम किया था। रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेजी गई है। आयोग ने इस मामले पर विस्तृत जानकारी मांगते हुए डीजीपी से पूरी रिपोर्ट तलब की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में घटना स्थल से जुड़े करीब 100 से अधिक वायरल वीडियो का तकनीकी विश्लेषण किया गया है। इनमें से किसी भी वीडियो में जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह दिखाई नहीं दिए हैं। हालांकि, एक वीडियो में उनका भतीजा राजवीर नजर आया है। फिलहाल तीन गिरफ्तार आरोपी अनंत सिंह के समर्थक बताए जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि घटना में जिन पत्थरों का इस्तेमाल हुआ, वे स्थानीय टाल क्षेत्र के नहीं थे, बल्कि बाहर से लाए गए बोल्डर पत्थर थे। इससे संकेत मिलता है कि घटना पूर्व-नियोजित हो सकती है। ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में बनी विशेष जांच टीम (SIT) इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। दुलारचंद यादव की मौत के अगले दिन यानी शुक्रवार को पुलिस ने मामले में तीन अलग-अलग प्राथमिकियाँ दर्ज कीं और दो लोगों को गिरफ्तार किया। मृतक के पोते की शिकायत पर मोकामा से जदयू उम्मीदवार और पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत चार अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। हालांकि रिपोर्ट में गोली लगने की बात खारिज होने के बाद जांच की दिशा बदल गई है। अब सबसे बड़ी बात है कि घटना के दौरान दुलारचंद को धक्का या चोट कैसे लगी जिससे उनकी मौत हुई। पुलिस की जांच और चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि मोकामा की यह सनसनीखेज वारदात हादसा थी या