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पूर्वी चंपारण जिले की 12 विधानसभा सीटों पर हुए हालिया चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ‘बयार’ ने बड़े-बड़े राजनीतिक दावे करने वाले छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को मतदाताओं की कसौटी पर फेल कर दिया है। जिले की सभी 12 सीटों पर कुल 95 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 70 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। यह आंकड़ा बताता है कि अधिकांश उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक न्यूनतम वोट प्राप्त करने में बुरी तरह विफल रहे।
छोटे दलों का निराशाजनक प्रदर्शन
चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि जिले में जन सुराज पार्टी (जसुपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे दलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इन दोनों दलों के प्रत्याशियों ने जिन-जिन सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गई। जमानत जब्त होने का अर्थ है कि प्रत्याशी वैध मतों का 1/6वां हिस्सा भी प्राप्त नहीं कर सके।
एक बागी ने बचाई लाज
95 प्रत्याशियों में से केवल एक स्वतंत्र प्रत्याशी ऐसे रहे जो अपनी जमानत बचाने में सफल रहे। चिरैया विधानसभा सीट से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले अच्छेलाल प्रसाद को 34,874 मत प्राप्त हुए। चिरैया विधानसभा में कुल 1,98,790 मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें 1,95,944 वैध मत पड़े थे। जमानत राशि बचाने के लिए आवश्यक 32,658 मतों से अच्छेलाल ने 2,216 मत अधिक प्राप्त किए।
नोटा से भी पीछे रह गए 45 उम्मीदवार
पूर्वी चंपारण जिले के चुनाव परिणामों का एक और चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि कुल 12 विधानसभा सीटों पर 45 प्रत्याशी ऐसे रहे जिन्हें ‘नोटा’ (None of the Above) से भी कम मत प्राप्त हुए। जिले की 12 विधानसभा सीटों पर ‘नोटा’ को कुल 40,097 मत मिले।
• सर्वाधिक नोटा: सबसे अधिक ‘नोटा’ मत नरकटिया विधानसभा में (5,425) और सुगौली में (5,227) पड़े।
• नोटा से कम वोट वाले प्रत्याशी (विधानसभावार): कल्याणपुर में सात, मोतिहारी में छह, ढाका में छह, पीपरा में पाँच, केसरिया में पाँच, हरसिद्धि में तीन, गोविंदगंज में तीन, नरकटिया में तीन, मधुबन में तीन, रक्सौल में दो, चिरैया में एक और सुगौली में एक प्रत्याशी को ‘नोटा’ से भी कम वोट मिले।
विधानसभा वार जमानत जब्ती का आंकड़ा
जिले की विभिन्न विधानसभा सीटों पर जमानत जब्त होने वाले प्रत्याशियों का आंकड़ा काफी बड़ा रहा:
• सर्वाधिक जमानत जब्त: कल्याणपुर और पीपरा विधानसभा में नौ-नौ प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई।
• अन्य सीटें: केसरिया में आठ, ढाका में आठ, मोतिहारी में सात, गोविंदगंज में छह, मधुबन में छह, नरकटिया और हरसिद्धि में चार-चार, रक्सौल और सुगौली में तीन-तीन, और चिरैया में तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, जिससे कुल 70 प्रत्याशियों की जमानत राशि सरकार के पास चली गई।
यह परिणाम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जिले के मतदाताओं ने मुख्य रूप से बड़े और स्थापित दलों के उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया, जिससे निर्दलीय और छोटे दलों की दावेदारी पूरी तरह से खारिज हो गई।
