
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कई सीटों पर बड़े उलटफेर किए हैं, लेकिन भोजपुर जिले की जगदीशपुर विधानसभा सीट पर हुआ बदलाव सबसे अधिक चर्चा में है। यहाँ 15 वर्षों से कायम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वर्चस्व जिसे ‘लालटेन’ का राज कहा जाता था को जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के उम्मीदवार श्रीभगवान कुशवाहा ने समाप्त कर दिया है।
कुशवाहा की इस ऐतिहासिक जीत में सबसे निर्णायक भूमिका निभाई भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह की जनसभाओं ने। ‘पावर स्टार’ के नाम से मशहूर पवन सिंह के तेज चुनावी झोंके ने जगदीशपुर के सारे समीकरण बदल दिए और 15 साल से जल रही ‘लालटेन’ को आखिरकार बुझा दिया।
पवन-कुशवाहा मिलन और राजपूत वोट का गोलबंदी
जगदीशपुर की इस जीत का श्रेय केवल पवन सिंह की लोकप्रियता को ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक गठजोड़ को भी जाता है। पवन सिंह की चुनावी सभा ने न केवल कुशवाहा वोट बैंक में उत्साह भरा, बल्कि राजपूत मतदाताओं को भी जदयू उम्मीदवार के लिए गोलबंद कर दिया।
इस गोलबंदी के पीछे का मुख्य कारण इचरी हत्याकांड से उपजी राजपूत समुदाय की नाराजगी थी, जिसे श्रीभगवान कुशवाहा ने अपनी सक्रियता से दूर किया। लहरपा हत्याकांड के बाद कुशवाहा भोजपुर जिले के इकलौते ऐसे नेता थे, जो राजपूत समाज के पक्ष में खड़े हुए और निर्दोष लोगों पर कार्रवाई न करने की वकालत की। इस सहानुभूति ने दोनों समुदायों के बीच रिश्ते मजबूत किए।
जब पवन सिंह और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा एक साथ मंच पर आए, तो यह मिलन सोशल मीडिया पर ‘भोजपुर जिले में कुशवाहा-राजपूत का गठजोड़’ के रूप में वायरल हुआ, जिसने जदयू उम्मीदवार श्रीभगवान कुशवाहा की जीत के लिए निर्णायक माहौल तैयार कर दिया।
मतों का अंतर और राजद का किला ध्वस्त
श्रीभगवान कुशवाहा ने राजद प्रत्याशी किशोर कुणाल को 18,193 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। यह हार RJD के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि 2010 में जब पूरे बिहार में राजद को केवल 22 सीटें मिली थीं, तब भी इस सीट पर राजद उम्मीदवार भाई दिनेश ने ‘लालटेन’ का वर्चस्व कायम रखा था। इस बार, मतगणना के रुझानों से लेकर अंतिम परिणाम तक, जदयू समर्थित उम्मीदवार की बढ़त लगातार बनी रही।
विकास की उम्मीदें और मतदाता का बदला रुख
श्रीभगवान कुशवाहा का राजनीतिक करियर लंबा रहा है। उन्होंने 1990 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की और 2007 से 2010 तक ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में भी कार्य किया। जानकारों के अनुसार, इस बार मतदाताओं ने स्पष्ट रूप से बदलाव का रुख अपनाया। युवाओं का रुझान, महिला मतदाताओं की उत्साहपूर्ण सहभागिता और क्षेत्र में विकास कार्यों की उम्मीदों ने मिलकर इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘पावर स्टार’ पवन सिंह के झोंके से बुझी ‘लालटेन’ यह संकेत दे रही है कि जगदीशपुर की जनता 15 वर्षों के वर्चस्व को तोड़कर अब नए नेतृत्व और विकास को प्राथमिकता देना चाहती थी।