
आज की आवाज
बिहार की राजनीति के सबसे अनुभवी खिलाड़ी, नीतीश कुमार, नई सरकार के गठन के साथ ही एक नया और अनोखा राजनीतिक रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। सोमवार (17 नवंबर) को उन्होंने राज्यपाल को अपना आठवां इस्तीफा सौंपा और इसी के साथ नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। अगले कुछ दिनों में, नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं, जो भारतीय राजनीति में उनके अद्वितीय प्रभाव को दर्शाता है।
NDA ने निभाया गठबंधन धर्म, खत्म हुई अटकलें
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA को स्पष्ट और प्रचंड बहुमत मिलने के बाद नई सरकार के गठन की औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। पिछले कुछ समय से, विपक्ष लगातार यह चर्चा फैला रहा था कि इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP), जो विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, नीतीश कुमार की जगह अपना मुख्यमंत्री बनाएगी।
अटकलों को तब और बल मिला था जब BJP ने चुनाव से पहले नीतीश के नेतृत्व में लड़ने की बात तो कही, लेकिन यह स्पष्ट करने से बचती रही कि सीएम वही बनेंगे। लेकिन BJP प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा नीतीश कुमार के ही सीएम बनने की आधिकारिक घोषणा ने सभी शंकाओं को निर्मूल कर दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP ने एक बार फिर गठबंधन धर्म का पालन करते हुए उदारता दिखाई है। BJP चाहती तो चिराग पासवान की LJP(R) (19 सीटें), जीतन राम मांझी की HAM (5 सीटें) और उपेंद्र कुशवाहा की RLM (4 सीटें) के साथ अपनी 89 सीटों को मिलाकर 117 सीटों का आंकड़ा छू सकती थी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना सकती थी, लेकिन पार्टी ने नीतीश पर ही भरोसा जताया है।
नया मंत्रिमंडल फार्मूला तय, औपचारिकता बाकी
इस्तीफे और दावेदारी के साथ ही, नए मंत्रिमंडल के सीट-बंटवारे को लेकर भी तैयारी तेज है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार, नए मंत्रिमंडल में BJP और JDU के लगभग बराबर-बराबर (16-16) सदस्य होंगे। इसके अलावा, गठबंधन के सहयोगी दल LJP(R), RLM और HAM को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। चूंकि NDA को प्रचंड बहुमत मिला है, इसलिए विधायकों की परेड कराने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी।
20 वर्षों का राजनीतिक सफर: 9 बार CM, 8 बार इस्तीफा
नीतीश कुमार का पिछले 20 वर्षों का राजनीतिक सफर इस्तीफों और शपथों से भरा रहा है, जो उनकी ‘पलटीमार’ छवि को भी दर्शाता है:
2000 में पहली बार: सीएम बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने पर 10 मार्च को इस्तीफा दिया।
2010 में दूसरी बार : वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले औपचारिक रूप से इस्तीफा दिया।
2014 में लोकसभा हार पर: हार की जिम्मेदारी लेते हुए 17 मई को इस्तीफा दिया और जीतन राम मांझी को सीएम बनाया।
2017 में महागठबंधन से अलग: RJD से मतभेद के चलते 26 जुलाई को इस्तीफा दिया और तुरंत NDA के सहयोग से सीएम बने।
2022 में NDA से अलग: BJP से नाराजगी के बाद 9 अगस्त को इस्तीफा दिया और महागठबंधन के साथ सरकार बनाई।
2024 में महागठबंधन से अलग: 28 जनवरी को इस्तीफा दिया और फिर से NDA के साथ मिलकर 9वीं बार सीएम बने।
17 नवंबर 2025 को 8वां इस्तीफा: वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले औपचारिक रूप से इस्तीफा दिया।
अब 9 बार सीएम बनने के बाद, नीतीश कुमार जल्द ही दसवीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे, जिसके साथ ही वे एक बार फिर बिहार की राजनीति के सबसे बड़े ‘सरदार’ साबित होंगे।