
कार्तिक पूर्णिमा के पावन और शुभ अवसर पर बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में भयंकर ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के कारण शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई। शहर के कई प्रमुख मार्गों पर घंटों तक वाहन रेंगते रहे, जिससे आम नागरिकों और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड (पाटिल पथ) पर सबसे बुरा हाल
जाम की सबसे बुरी स्थिति दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड (पाटिल पथ) पर देखने को मिली। यह पूरा कॉरिडोर अस्थायी पार्किंग लॉट में तब्दील हो गया, जहां बसों, कारों, स्कूटी और ई-रिक्शा की लंबी कतारें लगी थीं। श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के कारण इस मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों का अतिरिक्त समय लग गया।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना के प्रमुख घाटों—गायघाट, कलेक्टर घाट, पटना कॉलेज घाट और एनआईटी घाट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटी। स्नान और पूजा-अर्चना के बाद, हजारों लोगों का हुजूम मरीन ड्राइव और पाटिल पथ की ओर बढ़ा, जिससे इन मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव अचानक बहुत बढ़ गया। यह भारी भीड़ जल्द ही एक भीषण जाम में बदल गई और पूरे इलाके में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई।
ट्रैफिक डायवर्जन भी हुआ विफल
पटना ट्रैफिक पुलिस ने सुबह 11 बजे से ही ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया था। दीघा से गांधी सेतु की ओर जाने वाले वाहनों को बैरिया रोड और कंगन घाट की दिशा में मोड़ा गया था। इसके बावजूद, लगातार बढ़ती भीड़ और गंगा घाटों से श्रद्धालुओं के अनियंत्रित आवागमन के कारण जाम की स्थिति बिगड़ती चली गई।
पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात थे, लेकिन वाहनों की लंबी कतारों को हटाने और ट्रैफिक को सामान्य करने में उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। गायघाट पुल के नीचे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के बावजूद भी पूरे क्षेत्र में ट्रैफिक जाम बना रहा, जिससे पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शहरवासियों को झेलनी पड़ी भारी परेशानी
भारी जाम के कारण शहरवासियों को अकल्पनीय परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऑफिस, स्कूल और अस्पताल जाने वाले कई लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। पाटिल पथ, मरीन ड्राइव, अगमकुआं और दीघा क्षेत्र में वाहन चालकों को घंटों तक फंसे रहना पड़ा। कई जगहों पर लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर पैदल ही अपने रास्ते पर निकल पड़े, क्योंकि जाम खुलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य को अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के कारण, वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज और पटना जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। पटना में भी लाखों लोगों ने सुबह से ही पवित्र गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
भीषण जाम ने जहां एक ओर पटना शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया, वहीं दूसरी ओर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का भव्य नज़ारा देखने को मिला। प्रशासन ने जाम से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है और लोगों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की लगातार अपील की जा रही है।
