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बुर्का-घूंघट में आने वाली महिलाओं के लिए हर बूथ पर आंगनबाड़ी सेविका तैनात, चुनाव आयोग का अभूतपूर्व कदम

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बुर्का-घूंघट में आने वाली महिलाओं के लिए हर बूथ पर आंगनबाड़ी सेविका तैनात, चुनाव आयोग का अभूतपूर्व कदम

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग जारी है और इस बीच, चुनाव आयोग ने मतदान की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। पहली बार, फर्जी वोटिंग पर लगाम लगाने के उद्देश्य से, बुर्का या घूंघट पहनकर वोट डालने आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान की जांच के लिए हर मतदान केंद्र पर एक आंगनबाड़ी सेविका को तैनात किया गया है। यह कदम बिहार के चुनाव इतिहास में पहली बार उठाया गया है, जब महिला मतदाताओं की पहचान सत्यापन के लिए अलग से महिला कर्मियों की तैनाती की गई है।

फर्जी वोटिंग रोकने के लिए विशेष व्यवस्था
चुनाव आयोग के इस विशेष इंतजाम के तहत, बूथों पर तैनात आंगनबाड़ी सेविकाओं का मुख्य कार्य संदेह होने पर उन महिला मतदाताओं की पहचान की पुष्टि करना है जो पारंपरिक वेशभूषा, जैसे बुर्का या घूंघट, में आती हैं। यदि किसी सेविका को जरा भी आशंका होती है कि कोई महिला फर्जी पहचान के साथ मतदान करने की कोशिश कर रही है, तो वह तुरंत मतदाता के पहचान पत्र (Voter ID) से उसका चेहरा मिलान करके पुष्टि करेगी।

जिला स्तर पर इन आंगनबाड़ी सेविकाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में उन्हें सिखाया गया है कि पहचान पत्रों का सटीक मिलान कैसे करना है और यह पूरी प्रक्रिया व्यवहार कुशलता के साथ कैसे पूरी करनी है, ताकि किसी भी मतदाता को अपमानित या असहज महसूस न हो।

निष्पक्षता सुनिश्चित करने का कदम
दरअसल, चुनावों के दौरान घूंघट या बुर्का में आने वाली महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करना चुनाव अधिकारियों के लिए हमेशा से एक चुनौती रही है। इसी मुद्दे को लेकर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कुछ समय पहले चुनाव आयोग से मांग की थी कि फर्जी वोटिंग रोकने के लिए बुर्का पहनी महिलाओं की वोटर कार्ड से पहचान की व्यवस्था की जाए। आयोग ने इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस नई व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने साफ कहा कि यह कदम किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस व्यवस्था से सिर्फ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी व्यक्ति की जगह कोई दूसरा व्यक्ति वोट न डाले।

आज कई दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में बंद
पहले चरण के मतदान के साथ ही आज बिहार की सियासत के कई दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में कैद हो जाएगा। इंडिया गठबंधन (INDIA bloc) के मुख्यमंत्री पद के चेहरा तेजस्वी यादव, वहीं भाजपा की ओर से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कुल 16 मंत्रियों की किस्मत आज तय होगी।

इसके अलावा, तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव, जो इस बार जनशक्ति जनता दल के टिकट पर मैदान में हैं, अपनी पुरानी पार्टी आरजेडी के उम्मीदवार मुकेश रौशन और अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ एक बहुकोणीय मुकाबले में फंसे हुए हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति पहचान छुपाकर या किसी और की जगह वोट डालने की कोशिश करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग का मानना है कि इस व्यवस्था से न सिर्फ फर्जी वोटिंग पर प्रभावी ढंग से लगाम लगेगी, बल्कि मतदान प्रक्रिया में आम जनता और महिला मतदाताओं का भरोसा भी मजबूत होगा। इस कदम से ग्रामीण इलाकों में मतदान की पारदर्शिता और महिला मतदाताओं की सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होंगी।

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