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बिहार के दो IAS अफसर ED के रडार पर: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच तेज

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बिहार के दो IAS अफसर ED के रडार पर: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच तेज

बिहार में दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार कैडर के दो अधिकारियों योगेश कुमार सागर और अभिलाषा कुमारी शर्मा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जांच तेज कर दी है। इन अधिकारियों की संदिग्ध आर्थिक गतिविधियों की जांच के लिए ED ने बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) से उनके सभी संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगे हैं, जिससे राज्य के प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।

ED ने SVU को लिखा पत्र, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
ED ने 19 नवंबर को SVU को एक आधिकारिक पत्र भेजकर दोनों अधिकारियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि उनके पास दोनों IAS अधिकारियों को लेकर कुछ शुरुआती जानकारी मौजूद है, जिसे उन्होंने SVU के साथ साझा किया है।

एजेंसी अब मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत SVU से दोनों अधिकारियों से जुड़े पूरे रिकॉर्ड, दस्तावेज और उन गतिविधियों का ब्योरा मांगा है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हो सकती हैं। यह कार्रवाई इन अधिकारियों की संदिग्ध आर्थिक लेन-देन और सरकारी पदों पर रहते हुए लिए गए फैसलों की जांच के लिए की जा रही है।

कौन हैं वो अधिकारी जो ED के निशाने पर?

  1. योगेश कुमार सागर (IAS 2017 बैच): ED विशेष रूप से योगेश कुमार सागर के अलग-अलग पदों पर तैनाती के दौरान हुए आर्थिक लेन-देन और फैसलों की जांच कर रही है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अररिया जिले के फारबिसगंज में SDO के तौर पर की थी और बाद में भागलपुर नगर निगम के कमिश्नर रहे। सबसे अहम, 7 मार्च 2024 से 17 फरवरी 2025 तक वह बुडको (BUDCO) के प्रबंध निदेशक रहे। ED विशेष रूप से उनके बुडको कार्यकाल के दौरान हुए आर्थिक फैसलों की जांच पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। वर्तमान में, वह समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
  2. अभिलाषा कुमारी शर्मा (IAS 2014 बैच): अभिलाषा शर्मा भी ED के रडार पर हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गृह मंत्रालय नई दिल्ली से की थी। बिहार में आने के बाद वह सीतामढ़ी की DM भी रहीं और बाद में वित्त विभाग में संयुक्त सचिव के तौर पर काम किया। वर्तमान में, वह ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त CEO और डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं। ED उनकी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए हुई संदिग्ध आर्थिक गतिविधियों की जांच कर रही है।

आगे क्या होगा?
SVU द्वारा जानकारी उपलब्ध कराए जाने के बाद ED दोनों अधिकारियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई या गहन पूछताछ शुरू कर सकती है। ED की यह सक्रियता साफ तौर पर बताती है कि मामला गंभीर है और आने वाले दिनों में दोनों अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि केंद्र की एजेंसियां प्रशासनिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रियता बढ़ा रही हैं।

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