
बिहार की नीतीश सरकार ने शनिवार को सचिवालय सेवा के कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देते हुए लंबे समय से रुके हुए प्रमोशन का तोहफा दिया। सामान्य प्रशासन विभाग ने एक साथ 855 अधिकारियों की पदोन्नति की अधिसूचना जारी की, जिससे सचिवालय के कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। यह प्रमोशन उन अधिकारियों को दिया गया है जो वर्षों से कोर्ट केस, रोस्टर विवाद और विभागीय उलझनों के कारण प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे।
इस प्रमोशन प्रक्रिया के तहत 31 वरिष्ठ उप सचिवों को संयुक्त सचिव पद पर पदोन्नति दी गई है। इनमें प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी जैसे राजेश कुमार तिवारी, प्रकाश रंजन, अरविंद कुमार द्विवेदी, अब्दुल रब खान, विभा कुमारी, संजय कुमार, अजय कुमार, अमित कुमार पुष्पक और कई अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों को उनके कार्यकाल और समर्पण के आधार पर पदोन्नत किया गया है।
प्रमोशन की प्रक्रिया चार प्रमुख स्तरों पर की गई है: सहायक शाखा पदाधिकारी से शाखा पदाधिकारी, शाखा पदाधिकारी से अवर सचिव, अवर सचिव से उप सचिव और उप सचिव से संयुक्त सचिव तक। सरकार ने इन पदोन्नतियों को तत्काल प्रभाव से लागू किया है, जिससे न सिर्फ़ कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि विभागीय कार्यों में भी तेजी आएगी।
कई वर्षों से इस पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों में निराशा और असंतोष का माहौल था। लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में इस समस्या का समाधान निकाला गया। कर्मचारी संघ ने इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का आभार व्यक्त किया। संघ का कहना है कि यह फैसला कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान है और इससे भविष्य में लंबित प्रमोशनों की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
यह प्रमोशन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि सचिवालय की कार्यप्रणाली को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार शेष लंबित प्रमोशनों को भी जल्द पूरा करेगी और विभागीय प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी।
