
बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। इसी कड़ी में, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव के सरकारी नौकरी देने के वादे पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने सीधे तौर पर ‘लैंड फॉर जॉब’ (नौकरी के बदले जमीन) घोटाले का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव को घेरा है।
सांसद शांभवी चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव के इस वादे पर सवाल उठाते हुए कहा, “आपको लैंड फॉर जॉब केस याद है। बस मुझे इतना ही याद दिलाना है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शांभवी चौधरी का यह बयान केवल विपक्षी पार्टी के वादों पर कटाक्ष नहीं है, बल्कि चुनावी राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने इस बयान के जरिए युवाओं के भविष्य से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर तेजस्वी यादव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, जो चुनावी माहौल को और गरमाने वाला माना जा रहा है।
सीट शेयरिंग पर ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’ का निर्णय अंतिम
जहां एक ओर उन्होंने RJD पर निशाना साधा, वहीं शांभवी चौधरी ने अपनी पार्टी LJP (रामविलास) के भीतर चल रही सीट शेयरिंग की चर्चा पर भी स्पष्ट रुख रखा। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष (चिराग पासवान) के मार्गदर्शन में काम कर रही है।
शांभवी चौधरी ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार चर्चा कर रहे हैं और हमारे सभी सांसदों और पदाधिकारियों ने कहा कि जो भी निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे, वह अंतिम होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों में ऐसी आंतरिक बैठकें लगातार होती रहती हैं।
LJP चुनाव के लिए है पूरी तरह तैयार
सीट वितरण को लेकर LJP की तैयारियों पर बात करते हुए शांभवी चौधरी ने कहा, “हमारे पास एक सप्ताह का समय है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि सब कुछ अच्छी तरह से समन्वित तरीके से हो।” उनका यह बयान संकेत देता है कि LJP बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट वितरण और गठबंधन को लेकर पूरी तरह से तैयार है और पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए जल्द ही किसी भी निर्णय को अंतिम रूप देगी।
राजनीतिक पंडित मानते हैं कि शांभवी चौधरी का यह बयान LJP के वोट बैंक को एक स्पष्ट संदेश देने की रणनीति है। युवा वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में अपने राजनीतिक प्रभाव को बनाए रखने के लिए, पार्टी तेजस्वी यादव के वादों की आलोचना करके मतदाताओं के बीच विश्वास बनाने की कोशिश कर रही है।
बिहार की सियासी हलचल तेज होती जा रही है, और शांभवी चौधरी का यह पलटवार चुनावी बयानबाजी की तीव्रता को दर्शाता है।