
बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राज्य के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने आरजेडी में वापसी की संभावना को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल में लौटने से बेहतर है मौत को चुनना। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने बताया कि उन्होंने नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल (JJD)’ का गठन किया है और वह अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र महुआ सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। यह वही सीट है, जहां से उन्होंने 2015 में पहली बार विधायक बनकर राजनीति में कदम रखा था।
तेजप्रताप यादव ने महुआ क्षेत्र से अपने पुराने रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि वे राजनीति में आने से पहले से इस क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वे विधायक थे, लोग खुश रहते थे क्योंकि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाता था, लेकिन अब कोई सुनने वाला नहीं है। तेजप्रताप ने मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन को किसी बड़ी चुनौती के रूप में नहीं देखा, जो तेजस्वी के करीबी माने जाते हैं। नामांकन दाखिल करते समय अपनी दिवंगत दादी मरिचिया देवी की तस्वीर लगाते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से ही उनके पिता राजनीति में आगे बढ़े थे। जब उनसे माता-पिता के के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “काफी समय से बात नहीं हुई है, लेकिन मैं जानता हूं कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।” इसके अलावा अपने छोटे भाई तेजस्वी को लेकर कहा, “वह मेरा छोटा भाई है, और हमेशा मेरा आशीर्वाद उसके साथ रहेगा।” महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद पर उनको लेकर कहा कि “राजनीति में घोषणाएं होती रहती हैं, लेकिन सत्ता वही पाता है जिसे जनता का आशीर्वाद मिलता है।”
तेजप्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘ब्लैकबोर्ड’ के बारे में कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है, क्योंकि महुआ की जनता उनके परिवार की तरह है। उन्होंने महुआ की जनता को अपना परिवार बताया है। जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर टिप्पणी करते हुए तेजप्रताप ने उन्हें व्यापारी करार दिया और कहा कि वह हमेशा पार्टियों का प्रचार करने के लिए संसाधन जुटाने का काम करते आए हैं। वही काम वे अब भी कर रहे हैं।