
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चल रही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चल रही तमाम अटकलों और संशय को आखिरकार दूर कर दिया है। दरभंगा के अलीनगर में आयोजित एक विशाल जनसभा में बोलते हुए अमित शाह ने विपक्ष के दुष्प्रचार का करारा जवाब दिया और स्पष्ट किया कि बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए ‘कोई वैकेंसी नहीं’ है। उनका यह बयान मौजूदा मुख्यमंत्री और एनडीए के नेता पर विश्वास को मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से, विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा था कि महागठबंधन ने जहां तेजस्वी यादव को अपना सीएम प्रत्याशी घोषित कर दिया है, वहीं एनडीए की ओर से अभी तक आधिकारिक चेहरा क्यों नहीं बताया गया है। इस संशय को तब और बल मिला था जब अमित शाह ने कुछ दिन पहले एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “चुनाव के बाद विधायक दल ही बिहार के मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा।” विपक्षी गठबंधन ने इस बयान को इस रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया था कि भाजपा, नीतीश कुमार को धोखा दे रही है।
हालांकि, दरभंगा की जनसभा में अमित शाह ने इन सभी बातों पर पूर्णविराम लगा दिया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “मैडम सोनिया गांधी राहुल गांधी को पीएम बनाना चाह रही हैं और लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाह रहे हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि बिहार में कहीं भी कोई वैकेंसी नहीं है।” ‘नो वैकेंसी’ का यह बयान गठबंधन के भीतर नेतृत्व की स्थिति को लेकर पैदा हुए भ्रम को दूर करने का एक सीधा प्रयास माना जा रहा है।
जनसभा में, अमित शाह ने एनडीए सरकार के कार्यों पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार ने आतंकवाद से मुकाबले और देश की रक्षा के लिए लगातार काम किया है और विकास कार्यों को तत्परता से आगे बढ़ाया है। उन्होंने विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए एयरपोर्ट के निर्माण से लेकर मखाना बोर्ड की स्थापना तक की बात की।
गरीबों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 1.25 करोड़ जीविका दीदियों के खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इन महिलाओं को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे, जिससे न केवल उनका स्वरोजगार का सपना पूरा होगा बल्कि राज्य से पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
शाह ने राजद और कांग्रेस को ‘परिवार के विकास’ के लिए काम करने वाली पार्टियां बताया और दावा किया कि यदि कोई दल युवाओं को आगे बढ़ा सकता है, तो वह केवल भाजपा है। युवाओं को राजनीति में मौका देने की प्रधानमंत्री की घोषणा का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट देना इसी दिशा में उठाया गया कदम है, जिसका उद्देश्य एक लाख युवाओं को राजनीति में अवसर देना है। चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का भी उन्होंने विस्तार से उल्लेख किया।
अमित शाह का यह दौरा और उनका स्पष्ट बयान, बिहार चुनाव में एनडीए के लिए दिशा स्पष्ट करने और गठबंधन के नेतृत्व पर जनता के विश्वास को पुनर्स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।