
पूर्णिया की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने पार्टी छोड़कर राजद का दामन थाम लिया। नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले संतोष कुशवाहा का यह फैसला न सिर्फ जदयू बल्कि पूरे NDA खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पूर्णिया की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जदयू के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने घर वापसी कर लिया है। यानी कि राजद का हाथ थाम लिया है। उनके इस कदम को न सिर्फ जदयू बल्कि पूरे एनडीए के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दो बार पूर्णिया से सांसद रह चुके कुशवाहा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भरोसेमंद सिपाही कहा जाता था। अब चर्चा है कि संतोष कुशवाहा धमदाहा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं- यह वही सीट है, जहां से जदयू की वरिष्ठ नेत्री और मंत्री लेसी सिंह चुनाव लड़ती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके लिए पूर्व सांसद कुशवाहा सीधी राजनीतिक चुनौती बन सकते हैं। राबड़ी आवास पर हुई राजद संसदीय दल की बैठक में करीब डेढ़ घंटे तक उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चला। बैठक के बाद भाई वीरेंद्र ने कहा कि सभी नेताओं ने लालू यादव को अधिकृत कर दिया है और राष्ट्रीय अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगे, पार्टी पूरी तरह उसके साथ खड़ी रहेगी। दरअसल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बनने की संभावना तेज हो गई है। बैठक में मौजूद मनेर विधायक ने इशारा किया कि आज शाम तक महागठबंधन सीट बंटवारे का ऐलान कर सकता है। उन्होंने कहा- “आप लोगों को शाम में बुलाया जाएगा।”
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक 12 अक्टूबर से पहले राजद अपने पहले चरण के उम्मीदवारों को सिंबल सौंप देगी। इस बीच, राबड़ी आवास के बाहर राजद सुप्रीमो लालू यादव की गाड़ी को समर्थकों ने घेर लिया। समर्थक आरा के बड़हरा विधानसभा से सरोज यादव को टिकट देने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि अगर सरोज यादव को टिकट नहीं मिला तो हम लोग पार्टी का झंडा नहीं उठाएंगे।
