टॉप न्यूज़बिहार

ओवैसी का ‘तीसरा मोर्चा’ सीमांचल से निकलकर पूरे बिहार में देगा दस्तक? AIMIM की 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी

बिहार,तीसरा मोर्चा’

ओवैसी का 'तीसरा मोर्चा' सीमांचल से निकलकर पूरे बिहार में देगा दस्तक? AIMIM की 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन के वर्चस्व को सीधी चुनौती देने के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) एक तीसरे मोर्चे की पहल कर रही है। पार्टी प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खुद इसकी कमान संभाल ली है। उन्होंने हाल के दिनों में सीमांचल का व्यापक दौरा किया है, जिसे पार्टी का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नए राजनीतिक समीकरण साधने में जुटे हैं।

ओवैसी ने किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया, “राज्य की जनता को एक नया विकल्प चाहिए और हम वही बनने की कोशिश कर रहे हैं। मैं बिहार में कई साथियों से मिलने और नई मित्रता करने के लिए उत्सुक हूं।” AIMIM की यह महत्वाकांक्षा राजग और महागठबंधन दोनों के लिए चिंता का सबब बन गई है, खासकर उन 47 विधानसभा सीटों पर जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

सीमांचल से बाहर निकलने की AIMIM की रणनीति
सीमांचल (कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया) को पार्टी का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। AIMIM ने 2020 विधानसभा चुनाव में 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया था और सीमांचल की पांच सीटों—अमौर, बहादुरगंज, बायसी, कोचाधामन और जोकीहाट—पर जीत हासिल की थी। हालांकि, 2022 में अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी चार विधायकों के राजद में शामिल होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा था।

राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडे के मुताबिक, “असदुद्दीन ओवैसी अब सिर्फ सीमांचल की राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहते। वे कई दलों से गठबंधन की बातचीत कर रहे हैं।” पार्टी की रणनीति अब सीमांचल की सीमाओं को तोड़कर उन सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की है जहाँ मुस्लिम और पिछड़ी जातियों का प्रभाव है।

AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “हम बिहार चुनाव में तीसरा विकल्प पेश करने की कोशिश में लगे हैं। हमारी योजना 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है।” उन्होंने कहा कि पार्टी इस बार सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और “हम राजग और महागठबंधन दोनों को अपनी ताकत दिखाएंगे।”

मुस्लिम वोटों पर पड़ेगा सीधा असर
बिहार में मुसलमानों की आबादी 17.7 प्रतिशत से अधिक है। राज्य की 47 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता हार-जीत तय करते हैं। AIMIM की 100 सीटों पर उतरने की योजना सीधे तौर पर महागठबंधन के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाएगी, क्योंकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा RJD और कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

अख्तरुल ईमान ने बताया कि उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को महागठबंधन में सीटों की मांग करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई। ईमान ने चेतावनी दी है कि “चुनाव में जनता इसका जवाब देगी,” जिससे यह स्पष्ट होता है कि AIMIM अब राजग और महागठबंधन दोनों को अपनी ताकत दिखाने के मूड में है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!