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महागठबंधन में ‘भूचाल’! सीट बंटवारे पर लालू-तेजस्वी से नहीं बन रही बात, क्या कांग्रेस लेगी ‘अकेले चलो’ का फैसला?

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महागठबंधन में 'भूचाल'! सीट बंटवारे पर लालू-तेजस्वी से नहीं बन रही बात, क्या कांग्रेस लेगी 'अकेले चलो' का फैसला?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। एनडीए (NDA) गठबंधन जहां जल्द ही अपनी सीट बंटवारे की घोषणा और उम्मीदवारों की सूची जारी करने की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गंभीर मतभेद सामने आए हैं, जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने बिहार के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली तलब कर लिया है।

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि बिहार में मतदान दो चरणों में होगा—पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। मतदान के लिए अब सिर्फ एक महीने का समय शेष है, लेकिन इसके बावजूद महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अब तक अंतिम रूप नहीं ले पाया है।

सीट संख्या पर गतिरोध: 50 बनाम 60 की मांग
सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में विवाद की मुख्य वजह सीटों की संख्या को लेकर है। राजद और उसके सहयोगी दल कांग्रेस को 50 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं हैं। इसके विपरीत, कांग्रेस इस बार सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग करते हुए 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। सीटों की संख्या में यह बड़ा अंतर ही दोनों प्रमुख दलों के बीच बातचीत को लगातार विफल कर रहा है, जिससे गठबंधन में तनाव बढ़ गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने हालांकि सीट बंटवारे में देरी की वजह कुछ ‘अंतिम सीटों’ को लेकर मतभेद बताया है और उम्मीद जताई है कि 1-2 दिनों में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। लेकिन अंदरूनी खबर यही है कि गतिरोध गहरा है।

राहुल गांधी ने बुलाई आपात बैठक: ‘अकेले चलो’ की रणनीति पर मंथन
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निर्णायक कदम उठाया है। उन्होंने बिहार कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को सोमवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए तलब किया है। इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सभी नेताओं की राय जानने के बाद यह तय किया जा सकता है कि अगर राजद अपनी सीटों की मांग पर अड़ा रहता है, तो क्या कांग्रेस को अकेले ही विधानसभा चुनाव में उतरना चाहिए। यह विकल्प सामने आने से स्पष्ट है कि गठबंधन में दरार काफी बड़ी है और कांग्रेस नेतृत्व अब ‘अकेले चलो’ की रणनीति पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

एनडीए की तैयारी तेज, महागठबंधन पर दबाव
जहां महागठबंधन में सीटों को लेकर विवाद चरम पर है, वहीं एनडीए गठबंधन अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में तेजी दिखा रहा है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठकें लगातार चल रही हैं और पार्टी नेतृत्व आज या कल तक अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक करने की तैयारी में है। एनडीए की यह तत्परता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन पर दबाव बढ़ा रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न केवल राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी इसका बड़ा असर देखा जाएगा। आने वाले 1-2 दिनों में होने वाले निर्णय से ही यह तय होगा कि बिहार में मुकाबला दो गठबंधनों के बीच होगा, या कांग्रेस के अलग होने पर यह त्रिकोणीय लड़ाई बन जाएगा। फिलहाल, सभी की निगाहें दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक और उसके बाद महागठबंधन के रुख पर टिकी हैं।

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