
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो, लालू प्रसाद यादव ने छठ पर्व के अवसर पर बिहारवासियों को रेल सेवाओं की दुर्दशा के लिए एनडीए सरकार पर जमकर तंज कसा है। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के अनुसार 13,198 ट्रेनों में से 12,000 ट्रेने विशेष रूप से बिहार के लिए चलाई जाएंगी, लेकिन यह पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है। उनका कहना है कि बिहारवासियों को छठ पर्व पर भी ट्रेनों में उचित सुविधाएं नहीं मिल रही और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में यात्रा करनी पड़ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो ने एनडीए सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में पलायन की समस्या गहराई है, जो एनडीए सरकार की नीतियों का सीधा परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल करीब 4 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में बिहार से अन्य राज्यों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उनके अनुसार, बिहार में रोजगार और उद्योग की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपनी आजीविका के लिए प्रदेश छोड़ने पर विवश हो जाते हैं। आगे कहा कि डबल इंजन सरकार के तहत बिहार में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो सका और राज्य की विकास नीतियां पूरी तरह बिहार विरोधी रही हैं। सरकार पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर एनडीए सरकार बिहार की मूल समस्याओं को सुलझाने में असफल रही है, तो छठ पर्व जैसे लोक आस्था के महापर्व के दौरान भी बिहारवासियों को उचित रेल सुविधाएं क्यों नहीं उपलब्ध करवा पा रही है?” यह सरकार की अक्षमता को दर्शाता है कि बिहारवासियों को उनके सबसे बड़े पर्व पर भी रेल यात्रा की उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
दरअसल, उनका यह बयान बिहार की राजनीति में नया सियासी तापमान लाया है। इस खास मौके पर रेल सेवाओं की अव्यवस्था को लेकर सरकार पर किए गए उनके इस हमले ने एनडीए के विकास दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छठ जैसे लोक आस्था के पर्व को आधार बनाकर लालू यादव ने बिहार में रोजगार, पलायन और विकास की पुरानी बहस को फिर से हवा दे दी है।