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‘ब्रेक नहीं लगा पाएगी’ कहने वालों को दिया करारा जवाब- स्वाति मौर्य बनीं पटना मेट्रो की पहली महिला लोको पायलट…

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'ब्रेक नहीं लगा पाएगी’ कहने वालों को दिया करारा जवाब- स्वाति मौर्य बनीं पटना मेट्रो की पहली महिला लोको पायलट…

6 अक्टूबर से पटना मेट्रो ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है — और इसी के साथ बिहार की राजधानी अब मेट्रो सिटी की लिस्ट में शामिल हो गई है। अब इस नई शुरुआत को बिहार की बेटी स्वाति मौर्य ने और खास बना दिया है। तो आइए जानते है पटना मेट्रो की पहली महिला लोको पायलट (ट्रेन ऑपरेटर) स्वाति मौर्य के बारे में।

कैफ़ी आज़मी की नज़्म है- “उठ मेरी जान, मेरे साथ ही चलना है तुझे, ज़िंदगी जंग है, तू जंग लड़ना है तुझे।” यह पंक्ति स्वाती मौर्या पर चरितार्थ होती है। 6 अक्टूबर से पटना मेट्रो ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है और इसी के साथ राजधानी अब मेट्रो सिटी बन गई है। इस नई शुरुआत की सबसे खास बात यह है कि पहली ट्रेन की कमान बिहार की बेटी स्वाति मौर्य ने संभाली है। उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर दिल्ली मेट्रो की परीक्षा पास की थी और बीते पांच वर्षों से मेट्रो चला रही हैं। वे बताती हैं कि “लोग कहते थे कि लड़की ट्रेन कैसे चलाएगी, ब्रेक नहीं लगा पाएगी। लेकिन जब पहली बार मैंने मेट्रो चलाई, तो डर जरूर था, मगर हौसले ने हर डर पर जीत हासिल की।”

आगे बताती हैं कि जब उन्होंने दिल्ली मेट्रो की वैकेंसी देखी तो उनके भीतर भी फॉर्म भरने की जिज्ञासा जगी। कुछ ही समय बाद परीक्षा की तारीखें आईं तो पता चला कि दिल्ली मेट्रो और बैंक- दोनों परीक्षाएं एक ही दिन हैं। उन्होंने उसी समय फैसला लेते हुए बैंक परीक्षा छोड़कर दिल्ली मेट्रो की परीक्षा देने का निश्चय किया। बाद में यह निर्णय सही साबित हुआ। और वर्ष 2011 में स्वाति का चयन कस्टमर रिलेशन असिस्टेंट (CRA) पद पर हो गया। मेहनत और लगन से काम करते हुए उन्होंने 2016 में पदोन्नति पाई और वायलेट लाइन पर स्टेशन कंट्रोलर बन गईं। 2020 में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने विभागीय प्रमोशन के तहत ट्रेन ऑपरेटर की परीक्षा दी। वह कहती हैं, “जब मैं अपने काम के दौरान दूसरों को मेट्रो चलाते देखती थी, तो वो दृश्य मुझे हमेशा आकर्षित करता था। मुझे भीतर से महसूस होता था कि मैं भी ये काम कर सकती हूं। साथ ही कहा कि ट्रेन चलाते वक्त लोग शक जताते हुए पूछते थे कि ब्रेक लगेगा अन्यथा, किसी तरह का एक्सीडेंट नहीं न होगा। वहीं, कुछ लोग के ताने भी सुनने पड़ते थे, पर उन्होंने इन सबको नजरअंदाज करते हुए बस अपने काम पर ध्यान दिया।

बता दें, स्वाति पिछले पाँच वर्षों से मेट्रो ट्रेन चला रही हैं। पटना मेट्रो के संचालन और रख- रखाव की जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो को सौंपी गई है, और इसी कड़ी में स्वाति का चयन किया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उनसे विलिंगनेस (इच्छा पत्र) मांगा गया, फिर स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनकी पोस्टिंग पटना के लिए हो गई। 15 सितंबर को वह अपने गृह राज्य लौटीं। वे पटना मेट्रो के ट्रायल रन के दौरान भी ट्रेन चलाई थी। उद्घाटन के दिन उन्होंने खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मेट्रो से यात्रा कराई और यह पल उनके लिए गर्व और भावनाओं से भरा रहा।

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